डिजिटल समाधान स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की व्यवस्था में क्रांति ला सकता है : मांडविया

डीएन ब्यूरो

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को कहा कि डिजिटल समाधान स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की व्यवस्था में क्रांति ला सकता है

डिजिटल समाधान स्वास्थ्य (फाइल)
डिजिटल समाधान स्वास्थ्य (फाइल)


नयी दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को कहा कि डिजिटल समाधान स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की व्यवस्था में क्रांति ला सकता है तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत का लक्ष्य संस्थागत ढांचे के रूप में डिजिटल स्वास्थ्य पर एक वैश्विक पहल शुरू करना है।

उन्होंने कहा कि इस ढांचे का उद्देश्य डिजिटल स्वास्थ्य के लिए वैश्विक प्रयासों में सामंजस्य स्थापित करना और अत्याधुनिक तकनीकों के उपयोग के साथ डिजिटल समाधान को बढ़ावा देना है।

मांडविया ने यह बात विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा आयोजित ‘डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक सम्मेलन-सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज अंतिम नागरिक तक ले जाना’ को संबोधित करते हुए कही।

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यह आयोजन स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से डब्ल्यूएचओ-दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र द्वारा भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत एक ‘‘को-ब्रांडेड’’ कार्यक्रम है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह समय स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर कवरेज और गुणवत्ता के लिए सभी देशों के सहयोग से बेहतर व्यवस्था की ओर बढ़ने का है।

डिजिटल स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित करते हुए मांडविया ने कहा कि डिजिटल स्वास्थ्य, सेवाएं प्रदान करने में कारगर पहल है और इसमें समग्र सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज लक्ष्यों को सहायता प्रदान करने की क्षमता है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीतियां विभिन्न पथ-प्रवर्तक डिजिटल स्वास्थ्य हस्तक्षेपों के लिए महत्वपूर्ण साबित हुई हैं, जो उपलब्धता, पहुंच और सामर्थ्य तथा स्वास्थ्य सेवाओं की समानता सुनिश्चित करती हैं।

मांडविया ने कहा कि इस पहल के माध्यम से हम प्रौद्योगिकियों के अनुकूलन और लोकतंत्रीकरण के माध्यम से सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज लक्ष्यों को हासिल करने के लिए डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं को बढ़ावा देने के बारे में आम सहमति बना रहे हैं।

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डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि डिजिटल स्वास्थ्य व्यक्ति केंद्रित स्वास्थ्य सेवाओं और रोग प्रबंधन की प्रभावशीलता की गुणवत्ता, पहुंच, सामर्थ्य और स्थिरता में महत्वपूर्ण सुधार कर सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘डिजिटल स्वास्थ्य आज एक महत्वपूर्ण अनिवार्यता है क्योंकि यह स्वास्थ्य सेवा का लोकतंत्रीकरण कर सकता है और 2014 के बाद से हमारे क्षेत्र में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लिए तेजी से काम कर रहा है।

मांडविया ने डिजिटल स्वास्थ्य के सार्वभौमिकरण में आ रही चुनौतियों से निपटने और पूरी दुनिया विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं तक समान पहुंच को सक्षम बनाने के बारे में भी बात की। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम के लोकाचार के अनुरूप, भारत ने को-विन, ई-संजीवनी और आरोग्य सेतु को डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं के रूप में उपलब्ध कराया है, जो वैश्विक स्वास्थ्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समाधानों तक एक समान पहुंच प्रदान करने के बारे में हमारी भूमिका का एक सशक्त उदाहरण है।










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