

नवंबर 2016 में हुई नोटबंदी से पहले की तुलना में अभी भी पेपर मनी सर्कुलेशन 19 प्रतिशत कम है। नोटबंदी को 6 महीने बीत चुके हैं लेकिन अब तक मनी सर्कुलेशन पहले जैसा नहीं है।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार की तरफ से उठाए गए नोटबंदी के फैसले को अब तक 6 महीने बीत चुके हैं। फिर भी अभी तक सही तरीके से पेपर मनी सर्कुलेशन नहीं हुआ है। करेंसी का सर्कुलेशन नोटबंदी के पहले की तुलना में 19 प्रतिशत कम है।
बता दें कि नोटबंदी के फैसले के बाद पुराने 500 और 1000 रुपये के बंद कर दिए गए थे और उन्हें बदलवाने की अंतिम तारीख 30 दिसंबर 2016 तक थी।
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि पेपर मनी इनफ्लो में कमी का कारण डिजिटल पेमेंट हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार कैशलेस पेमेंट को बढ़ावा दे रही है। भारतीय स्टेट बैंक के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर एस. के. घोष ने कहा, 'आरबीआई की करेंसी सप्लाई पूरी तरह मांग पर आधारित है। करेंसी ग्रोथ में सुस्ती का कारण डिजिटल माध्यम से पेमेंट की ओर शिफ्टिंग भी हो सकती है।'
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