मप्र बस दुर्घटना: मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश, लापरवाही के आरोप में दो अधिकारी निलंबित

डीएन ब्यूरो

पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

मप्र बस दुर्घटना
मप्र बस दुर्घटना


भोपाल/गुना:  मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बृहस्पतिवार को डंपर से टकराने के बाद बस में आग लगने की घटना के संबंध में कथित लापरवाही के लिए गुना के एक परिवहन अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निलंबित करने का आदेश दिया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक बुधवार रात गुना जिले में हुए इस हादसे में 13 लोगों की जलकर मौत हो गई और 14 अन्य घायल हो गए।

मुख्यमंत्री यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि वे सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी दुर्घटना दोबारा न हो तथा यह जांच का विषय है कि आग कैसे लगी।

अधिकारियों के मुताबिक बुधवार रात करीब नौ बजे गुना-आरोन रोड पर डंपर से टकराने के बाद निजी बस में आग लग गई।

मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री यादव ने कहा, ‘‘गुना बस हादसा भयावह है। मैं और मेरी सरकार इस घटना से बेहद दुखी है। मैं पहले ही कह चुका हूं कि घटना की जांच होनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएंगे कि ऐसी दुर्घटना दोबारा न हो। हालांकि यह जांच का विषय है कि ऐसी आग कैसे लगी।’’

एक अधिकारी ने बताया कि गुना के एक अस्पताल में घायलों से मिलने के बाद यादव ने मामले में लापरवाही के आरोप में गुना के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी रवि बरेलिया और मुख्य चिकित्सा अधिकारी वी डी कतरोलिया को निलंबित करने का आदेश दिया।

अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद, जिला कलेक्टर ने घटना की जांच करने के लिए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट मुकेश कुमार शर्मा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति का गठन किया है।

उन्होंने कहा कि समिति को विभिन्न मुद्दों पर तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। खासकर कि क्या दुर्घटना में शामिल दो वाहनों के पास सभी कानूनी अनुमतियां थीं और बस में आग कैसे लगी।

अनुविभागीय दंडाधिकारी सांवले ने बताया कि दुर्घटना के बाद बस आग के गोले में तब्दील हो गई और 13 लोगों की जलकर मौत हो गई।

पुलिस ने बताया कि दुर्घटना के समय बस आरोन की ओर जा रही थी जबकि डंपर गुना की ओर जा रहा था।

पुलिस अधीक्षक विजय खत्री ने कहा कि घटना के समय बस में लगभग 30 यात्री थे और उनमें से चार किसी तरह वाहन से बाहर निकलने में कामयाब रहे और अपने घर चले गए हैं।

 










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