एक किसान की बेटी ने दहेज प्रथा का अंत करने के लिए कुएं में कूदकर जान दे दी

डीएन संवाददाता

महाराष्ट्र के लातूर जिले में अपने पिता को कर्ज से बचाने के लिए एक युवती ने कुएं में कूद कर जान दे दी क्योंकि उसके पिता उसकी शादी के लिए पैसे नहीं जुटा पा रहे थे।

स्रोत इंटरनेट
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लातूर: एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लातूर की एक 20 वर्षीय महिला को डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए 1 करोड़ के इनाम से सम्मानित किया, वहीं दूसरी ओर जिले की एक युवती ने कुएं में कूदकर इसलिए अपनी जान दे दी, क्योंकि उसके पिता उसकी शादी के लिए पैसे नहीं जुटा पा रहे थे। भीसे वाघोली गांव की 21 वर्षीया शीतल व्यंकट व्याल ने तीन साल पहले माध्यमिक परीक्षा पास की थी। इस युवती की आत्महत्या ने सूखे का सामना कर रहे महाराष्ट्र की सामाजिक हालत का एक नया चेहरा पेश किया है। 

शुक्रवार की सुबह शीतल अपने ही खेत के कुएं में कूद गई। युवती ने पत्र में लिखा है कि उसके माता-पिता अत्यंत गरीब हैं और उसकी शादी के लिए पैसे का प्रबंध करने में अक्षम हैं। शीतल ने लिखा है कि, मैं अपने पिता को आर्थिक बोझ से बचाने के लिए जान दे रही हूं। इसके साथ ही मैं अपने मराठा-कुनबी समुदाय में दहेज प्रथा का अंत कर रही हूं।

युवती ने पत्र में यह भी लिखा है कि पिछले पांच वर्षो से फसल खराब होने के कारण हमारे परिवार की वित्तीय स्थिति अत्यंत खराब हो गई है। मेरी दो बहनों की शादी अत्यंत साधारण तरीके से हुई। मेरी शादी के लिए पिताजी ने हर संभव प्रयास किया। लेकिन बैंकों-साहूकारों से लोन न मिल पाने के कारण मेरी शादी दो सालों से टल रही है। इसलिए अपने पिता का बोझ कम करने और मराठा समुदाय में दहेज की प्रथा को खत्म करने के लिए मैं अपना जीवन खत्म कर रही हूं। मुझे और मेरे परिवार को इसके लिए किसी भी प्रकार से दोष नहीं दिया जाना चाहिए।
 










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