देखिये.. यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू का डाइनामाइट न्यूज पर धमाकेदार इंटरव्यू

डीएन ब्यूरो

धरना-प्रदर्शन और नारेबाजी के अचूक हथियार से राजनीति का सफर तय करने वाले अजय कुमार लल्लू आज यूपी कांग्रेस के अध्य्क्ष हैं। अपने सफर और हाल के दिनों में जुड़े विवादों को लेकर उन्होंने डाइनामाइट न्यूज संवाददात जय प्रकाश पाठक से एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कई बातें कहीं। पढिये पूरी खबर

डाइनामाइट न्यूज से बातचीत करते अजय कुमार लल्लू
डाइनामाइट न्यूज से बातचीत करते अजय कुमार लल्लू


लखनऊ: यूपी के कांग्रेस के अध्य्क्ष अजय कुमार लल्लू की पहचान सड़कों पर उतर कर संघर्ष करने वाले एक जमीनी नेता के रूप में रही हैं। वर्ष 2007 में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपने राजनीतिक और चुनावी करियर का आगाज करने वाले अजय कुमार लल्लू ने डाइनामाइट न्यूज से एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कई बातों से पर्दा उठाया और हाल में खुद से जुड़े विवादों पर भी अपनी बेबाक राय रखी।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता जय प्रकाश पाठक से बातचीत में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने हाल के विवाद पर अपना रुख साफ करते हुए कहा कि लॉकडॉउन के दौरान प्रवासियों को उनके घरों तक पहुंचने के लिए कांग्रेस पार्टी ने योगी सरकार को 1 हजार बसे देने का प्रस्ताव रखा। हालांकि बसों में फिटनेस रजिस्ट्रेशन न होने की बात कहकर कांग्रेस के प्रस्ताव को यूपी सरकार ने ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि योगी सरकार की निरंकुशता के चलते ही  उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमे दर्ज हुए और उन्हें जेल जाना पड़ा। 

जेल जाने के सवाल पर अजय कुमार लल्लू बोले, मैं प्रवासियों, मजदूरों, नौजवानों, को लेकर जेल गया। समाज के वंचितों, मजदूरों, किसानों आदि की मांगों को लेकर अब तक मुझे 21 बार जेल जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। 26 दिन जेल में बिता कर बाहर आये अजय कुमार लल्लू ने कहा कि मेरे जेल में रहने के दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लगातार प्रवासियों की मदद करने का काम किया। लॉकडाउन के दौरान कांग्रेस पार्टी ने एक करोड़ 15 लाख लोगों तक भोजन पहुंचाने का काम किया।

प्रदेश में 69 हज़ार सहायक शिक्षक भर्ती घोटाले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सरकार माने या ना माने, मगर इस घोटाले में भाजपा कार्यकर्ताओं और अफसरों की सांठगांठ की पोल खुलकर कर सामने आ गई है। भाजपा नेताओं के कालेजों में शिक्षक भर्ती परीक्षा के सेंटर बनाए गए। जहां पर 10 से 15 लाख रुपयों की एवज में शिक्षकों के पदों पर अयोग्य व्यक्तियों का चयन कराया गया। वही पशुधन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर ठेकेदार से करोड़ों रुपए वसूले गए। जिसमें सचिवालय के कई कर्मचारियों का नाम सामने आया।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरियों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अराजकता का माहौल है हम आगे भी सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध करते रहेंगे।










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