UP News: डॉक्टर अनुज सरकारी मामले में प्रवर्तन निदेशालय को क्यों लिखा गया पत्र? जानिये वजह

डीएन ब्यूरो

यूपी के गोरखपुर में एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने निदेशक, प्रवर्तन निदेशालय को पत्र लिखकर डॉक्टर अनुज सरकारी व उनके पारिवारिक सदस्यों की चल अचल संपत्ति की जांच कराने की मांग की है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की ये रिपोर्ट।

अनुज सरकारी (फाइल फोटो)
अनुज सरकारी (फाइल फोटो)


गोरखपुर: एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने निदेशक, प्रवर्तन निदेशालय को पत्र लिखकर डॉक्टर अनुज सरकारी व उनके पारिवारिक सदस्यों की चल अचल संपत्ति की जांच से कराने की मांग की है। पत्र के माध्यम से उन्होंने अवगत कराया है कि डॉक्टर अनुज सरकारी द्वारा उत्तर प्रदेश के पैडलेगंज शहर गोरखपुर (Gorakhpur) निजी गैस्ट्रो लीवर हास्पिटल का संचालन किया जा रहा है, जहां मरीजों से मनमानी परामर्श एवं जांच फीस ली जा रही है।

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डाइनामाइट न्यूज संवाददाताओं के मुताबिक डॉक्टर अनुज सरकारी (Anuj Sarkari) की प्रतिदिन लाखों रुपये की आमदनी होती है। वर्तमान समय में डॉक्टर व उनके परिवारिक सदस्यों के नाम लगभग 200 करोड़ की सम्पत्तियां हैं। इतनी बड़ी सम्पत्ति केवल टैक्स चोरी से ही एकत्र करना संभव है। गंभीरता से इनकी परिसम्पत्तियों की जांच की जाये तो बड़ी काली कमाई उजागर हो सकती है।
 
डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग
आपको बता दें कि कुछ दिन पूर्व उक्त हास्पिटल में विवाद हो गया था। यहां डॉक्टर पर जानलेवा हमला करने के आरोप में निलंबित सिपाही पंकज कुमार (Pankaj Kumar) को पुलिस ने जेल भेज दिया था। बाद में सिपाही पंकज कुमार की पिटाई का वीडियो सोशल मिडिया पर वायरल होने लगा तो डॉक्टर व उनके बाउंसरों द्वारा सिपाही की पिटाई मामले में सिपाही को भी न्याय दिलाने की मुहिम छिड़ गई। अब इस मामले में एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने भी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। 










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