जानिये किस वजह से कोर्ट ने पत्नी को प्रताड़ित करने और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी को किया बरी
महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने 38 वर्षीय एक व्यक्ति को अपनी पत्नी को प्रताड़ित करने और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप से बरी कर दिया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने 38 वर्षीय एक व्यक्ति को अपनी पत्नी को प्रताड़ित करने और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप से बरी कर दिया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पी एम गुप्ता ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन सुरेश चिकाने के खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को साबित करने में विफल रहा है।
उन्होंने बताया कि छह अप्रैल को सुनाए गए आदेश की प्रति हाल में उपलब्ध कराई गई है।
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अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी ने घर बनाने के लिए कथित तौर पर अपनी पत्नी से पांच लाख रुपये की मांग की थी। प्रताड़ना से तंग आकर महिला ने चार जनवरी 2013 को कीटनाशक का सेवन कर लिया और उसी दिन अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से ऐसा कोई पुख्ता और विश्वसनीय सबूत पेश नहीं किया गया, जिससे यह साबित हो सके कि आरोपी ने लगातार पैसे की अवैध मांग की थी और इसके लिए उसने अपनी पत्नी को परेशान किया या उसके साथ बुरा सलूक किया।
अदालत ने कहा कि वैवाहिक कलह की छोटी-मोटी घटनाओं को दुर्व्यवहार या उत्पीड़न नहीं कहा जा सकता है और यह आत्महत्या करने का कारण नहीं हो सकता है।
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आदेश में कहा गया है कि आरोपी से झगड़े के बाद महिला ने कीटनाशक की गोलियां खा लीं और इसकी जानकारी उसे (पति को) दी। इसके बाद आरोपी पत्नी को अस्पताल लेकर गया, जहां उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई।
आरोपी को बरी करते हुए अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल रहा कि आरोपी ने अपनी पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाया था और उकसावे के कारण उसने आत्महत्या कर ली।