Janmashtami: जानिए जन्माष्टमी पर क्यों चढ़ाया जाता है कृष्ण को छप्पन भोग?

डीएन ब्यूरो

जन्माष्टमी के दिन भक्त भगवान कृष्ण को छप्पन भोग अर्पित कर प्रसन्न करते हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

श्रीकृष्ण भगवान को अर्पित छप्पन भोग
श्रीकृष्ण भगवान को अर्पित छप्पन भोग


नई दिल्ली: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Shri Krishna Janmashtami) का पर्व (Festival) आज पूरे देश (India) में बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। जन्माष्टमी का पर्व भगवान कृष्ण (Lord Krishna) के जन्मदिन (Birth Day)के रूप में मनाया जाता है। श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है। आज कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है। जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के बालरूप (child form) के पूजा की जाती है। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इस दिन लोग उपवास रखते हैं। भक्त उन्हें प्रसाद के रूप में छप्पन भोग अर्पित करते हैं। जन्माष्टमी के दिन छप्पन भोग क्यों इतना विशेष महत्व है और क्या होता है छप्पन भोग जिससे भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं। आइए जानते हैं इसके पीछे की कथा-
भगवान कृष्ण को छप्पन भोग चढ़ाने की कहानी
पौराणिक कथाओं के अनुसार ब्रज के लोग देवराज इंद्र को प्रसन्न करने के लिए पूजा करते थे। एक बार बाल गोपाल कृष्ण ने अपने पिता नंद बाबा से सवाल पूछा कि लोग आखिर इंद्रदेव के लिए ये महोत्सव क्यों करते हैं? नंद बाबा ने बताया कि यह पूजा इंद्र को प्रसन्न करने के लिए की जाती है ताकि वो हर साल भरपूर वर्षा करें।

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श्रीकृष्ण ने फिर सवाल किया कि  ''वर्षा के लिए इंद्र की ही क्यों पूजा करें? इसके बजाय लोगों को गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए, जो जानवरों के लिए फल, सब्जियां और चारा प्रदान करते हैं।'' इस बात को सुनकर देवराज इंद्र क्रोधित हो गए और गुस्से में उन्होंने ब्रज क्षेत्र में बारिश कर दी जिससे वहां बाढ़ आ गई।

पौराणिक कथाओं के अनुसार गांव वालों के बचाव में श्रीकृष्ण ने लोगों को गोवर्धन पर्वत के नीचे शरण लेने का निर्देश दिया। गोवर्धन पर्वत को श्रीकृष्ण ने अपने बाएं हाथ की छोटी उंगली से आसानी से उठा लिया। उन्होंने सभी से शरण लेने और तूफान से सुरक्षित रहने के लिए लोगों को लाठी का सहारा लेने को कहा।

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सात दिनों तक श्रीकृष्ण ने बिना कुछ खाए पर्वत को उठाया। आठवें दिन, वर्षा बंद हो जाने के बाद गांव वालों ने भगवान कृष्ण का आभार व्यक्त करने के लिए सात दिनों तक 56 व्यंजन बनाए। तब से लेकर अब तक जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को धन्यवाद करने के लिए 56 भोग अर्पित किए जाते हैं। 
 

छप्पन भोग में शामिल पकवान 
छप्पन भोग में 56 पकवान शामिल होते हैं। जिसमें दूध से लेकर मसालेदार पकवान होते हैं। इसमें सात्विक चीजें भी हैं जैसे माखन मिश्री, खीर, रसगुल्ला, जीरा लड्डू, जलेबी, रबड़ी, मालपुआ, मोहनभोग, रसगुल्ला, मूंग दाल का हलवा, घेवर, पेड़ा, काजू, बादाम, पिस्ता, इलायची, पंचामृत, शक्कर पारा, मथरी, चटनी, मुरब्बा, आम, केला, अंगूर, सेब, किशमिश, आलुबुखारा, पकोरे, साग, दही, चावल, कढ़ी, चीला, पापड़, खिचड़ी, बैंगन की सब्जी, लौकी की सब्जी, पुड़ी, टिक्की, दलिया, घी, शहद, सफेद मक्खन, क्रिम, कचोड़ी, रोटी, नारियल पानी, बादाम दूध, छाछ, शिकंजी, चना, मीठे चावल, भुजिया, सुपारी, सौंफ और पान।










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