Surjit Singh Deshwal: सीमाओं की रक्षा के लिए तत्पर है आईटीबीपी
भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक सुरजीत सिंह देशवाल ने आज यहां कहा कि बल के जवान हिमालय और अन्य बर्फीले क्षेत्रों में शून्य से कम तापमान में पूरी तत्परता से देश की सरहदों की रक्षा कर रहे हैं और बल को जो भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी वह उसके लिए पूरी तैयार हैं।
नई दिल्ली: भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक सुरजीत सिंह देशवाल ने आज यहां कहा कि बल के जवान हिमालय और अन्य बर्फीले क्षेत्रों में शून्य से कम तापमान में पूरी तत्परता से देश की सरहदों की रक्षा कर रहे हैं और बल को जो भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी वह उसके लिए पूरी तैयार हैं।
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देशवाल ने आज यहां वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आईटीबीपी के जवान हिमालय और अन्य बर्फीले क्षेत्रों में शून्य से कम तापमान में देश की सरहदों की रक्षा कर रहे हैं और इसी वजह से देश की सीमाएं सुरक्षित हैं। बल की स्थापना खासतौर पर हिमालयी क्षेत्र की सीमाओं की रक्षा करने के लिए की गई थी और बल के ‘हिमवीर’ इस काम को बखूबी निभा रहे हैं । कुछ सीमा क्षेत्रों में जहां चीन के साथ सीमा विवाद हैं वहां नियमित गश्त के दौरान कईं बार दोनों देशों के सैनिकों का आमना-सामना भी हो जाता है लेकिन इसे सौहार्द्रपूर्ण तरीके से हल कर लिया जाता है।
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उन्हाेंने बताया कि बल के अधिकारियों और जवानों को चीनी भाषा सिखाई जा रही है ताकि इस तरह की घटनाओं को आपसी बातचीत के जरिए सुलझाया जा सके। उन्होंने कहा कि भारत और चीन दोनाें बेहतर पड़ोसी हैं लेकिन किसी भी तरह के विवाद से निपटने के लिए राजनीतिक स्तर पर एक समन्वित कार्यप्रणाली कारगर तरीके से काम करती है और इसी के चलते सीमा विवाद अधिक तूल नहीं पकड़ पाते।
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सिंह ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में बॉर्डर ऑउट पोस्ट (बीओपी) की संख्या में इजाफा किया गया है और इनकी संख्या बढ़कर 25 हो गई है तथा सीमा क्षेत्रों में आईटीबीपी की पहुंच भी बढ़ी है । इन बीओपी में हर तरह की आधारभूत सुविधाएं हैं और तापमान भी 25 डिग्री के आसपास रखा जाता है ताकि जवानों को बेहतर वातावरण मुहैया कराया जा सके। सरकार ने पिछले पांच वर्षों में इनकी आधारभूत सुविधाओं में काफी इजाफा किया है और यहां हर तरह के आधुनिक उपकरण तथा वाहन उपलब्ध हैं ताकि जवानाें को किसी भी तरह की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने बताया कि बल का नया सीमावर्ती मुख्यालय लेह में स्थानांतरित कर दिया गया है और यह 31 अक्टूबर से काम करना शुरू कर देगा। (वार्ता)