Parliament Winter Session: राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश, जानिये पूरा अपडेट

राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ जारी अविश्वास प्रस्ताव में लगभग 70 सासंदों ने हस्ताक्षर किये हैं। इनमें कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी समेत अन्य छोटे दलों के सांसदों के हस्ताक्षर मौजूद हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 10 December 2024, 2:38 PM IST
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नई दिल्लीः संसद का शीतकालीन सत्र हंगामे और प्रदर्शन की भेंट चढ़ता जा रहा है। आज मंगलवार को भी लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही नहीं चल सकीं। इस बीच राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्षी इंडिया गठबंधन ने अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया। 

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि राज्यसभा के सभापति द्वारा अत्यंत पक्षपातपूर्ण तरीके से उच्च सदन की कार्यवाही का संचालन करने के कारण इंडिया ग्रुप के सभी घटक दलों के पास उनके खिलाफ औपचारिक रूप से अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। रमेश ने कहा कि इंडिया की पार्टियों के लिए यह बेहद ही कष्टकारी निर्णय रहा है, लेकिन संसदीय लोकतंत्र के हित में यह अभूतपूर्व कदम उठाना पड़ा है। यह प्रस्ताव अभी राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को सौंपा गया है।

बता दें कि इससे पहले सोमवार को राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस मामले पर जमकर हंगामा देखने को मिला था। विपक्षी खेमे से कांग्रेस, आम आदमी पार्टी सहित समाजवादी पार्टी के सांसदों की ओर से सभापति जगदीप धनखड़ पर पक्षपात का आरोप लगाया गया था। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने आज अनुच्छेद 67 (बी) के तहत अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। जानकारी के अनुसार, सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ जारी अविश्वास प्रस्ताव में लगभग 70 सासंदों ने हस्ताक्षर किए हैं। इनमें कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी समेत अन्य छोटे दलों के सांसदों के हस्ताक्षर मौजूद हैं।

सरकार संसद के चलने पर गतिरोध डाल रही- कांग्रेस

वहीं मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि देश का दुर्भाग्य है कि सत्ताधारी सरकार संसद को चलने नहीं दे रही है। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, 'संसद क्यों बुलाई जाती है? ताकि देश के एजेंडे, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महंगाई, सरकार की नीतियों पर सत्तापक्ष और विपक्ष चर्चा करे। यह पहली बार हो रहा है जब सत्ताधारी सरकार संसद के चलने पर गतिरोध डाल रही है।'