Hyderabad: केंद्र, गुजरात सरकार को बिलकीस बानो से माफी मांगनी चाहिए

डीएन ब्यूरो

बिलकीस बानो मामले में 11 दोषियों को सजा में छूट देने के गुजरात सरकार के फैसले को रद्द करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और बीआरएस की विधान पार्षद के. कविता ने सोमवार को स्वागत किया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी
एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी


हैदराबाद: बिलकीस बानो मामले में 11 दोषियों को सजा में छूट देने के गुजरात सरकार के फैसले को रद्द करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और बीआरएस की विधान पार्षद के. कविता ने सोमवार को स्वागत किया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार ओवैसी ने मांग की कि न्यायालय के फैसले के मद्देनजर केंद्र और गुजरात की भाजपा सरकार बिलकीस बानो से माफी मांगें।

वहीं, प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के दोनों गुटों ने भी इस फैसले का स्वागत किया और इसे दूरगामी फैसला बताया।

गुजरात सरकार पर अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए न्यायालय ने सोमवार को 2002 के दंगों के दौरान बिलकीस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के दोषी 11 लोगों की सजा में दी गई छूट को रद्द कर दिया और आदेश दिया कि उन्हें दो सप्ताह के भीतर वापस जेल भेजा जाए।

न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि गुजरात सरकार का छूट आदेश बिना सोचे-समझे दिया गया था। पीठ ने सवाल किया कि क्या “महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराधों में छूट की अनुमति है” चाहे वह किसी भी धर्म या आस्था को मानती हो।

फैसले पर हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने कहा, “मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं और मुझे उम्मीद है कि यह भविष्य में सभी बलात्कारियों के खिलाफ एक मिसाल के रूप में काम करेगा।”

ओवैसी ने पत्रकारों से कहा कि यह घटना तब हुई थी जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

उन्होंने कहा, “उस समय गुजरात में माहौल सांप्रदायिक रूप से इतना जहरीला था कि मामले की सुनवाई महाराष्ट्र स्थानांतरित कर दी गई थी।”

एआईएमआईएम प्रमुख ने दावा किया कि भाजपा के दो विधायकों ने दोषियों की रिहाई का समर्थन किया। उन्होंने दावा किया कि भाजपा के एक विधायक ने इन बलात्कारियों को ‘संस्कारी’ कहा था।

ओवैसी ने मांग की, “इसलिए गुजरात की भाजपा सरकार और केंद्र की भाजपा सरकार दोनों ने बिलकीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में इन दोषियों को रिहा करने में मदद की। यही वजह है, मैं मांग करता हूं कि गुजरात की भाजपा सरकार और केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को बिलकीस बानो से माफी मांगनी चाहिए। भाजपा कम से कम इतना तो कर ही सकती है।”

ओवैसी ने कहा कि बलात्कारियों को यह समझ में आना चाहिए कि वे किसी भी राजनीतिक विचारधारा से सहमत हों, उन्हें रिहा नहीं किया जाएगा।

उन्होंने आरोप लगाया कि जब नरेन्द्र मोदी ‘नारी शक्ति’ के बारे में बात करते हैं तो यह सिर्फ एक खोखला दावा होता है और “जमीनी स्तर पर इसकी कोई प्रासंगिकता नहीं है।”

दिल्ली में जमीयत के दोनों गुटों ने अलग-अलग बयान जारी कर उम्मीद जताई कि यह फैसला भविष्य के लिए एक मिसाल बनेगा।

जमीयत (एएम) के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने एक बयान में कहा, “ बिलकीस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत है और यह एक दूरगामी फैसला है। उम्मीद है कि यह भविष्य के लिए एक मिसाल बनेगा।”

उन्होंने कहा, “ इससे देश के आम नागरिकों, खासकर अल्पसंख्यकों का उच्चतम न्यायालय के प्रति विश्वास मजबूत होगा।”

वहीं जमीयत (एमएम) के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने एक बयान में कहा, “उच्चतम न्यायालय के इस फैसले का हार्दिक स्वागत है। यह कानून और न्याय के शासन की जीत है और इसका स्पष्ट संदेश है कि किसी भी स्थिति में न्याय से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।”

राज्यसभा के पूर्व सदस्य महमूद मदनी ने कहा, “उम्मीद है कि यह फैसला भविष्य के लिए एक उदाहरण बनेगा कि सरकारों को न्याय प्रदान करने में निष्पक्ष एवं गैर-पक्षपातपूर्ण होना चाहिए एवं बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों की गंभीरता के प्रति उदासीन नहीं होना चाहिए।”

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधान पार्षद कविता ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, “मैं बिलकीस बानो के दोषियों को बरी करने के फैसले को माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा पलटने का स्वागत करती हूं। हालांकि उनका दर्द अद्वितीय है, लेकिन यह फैसला एक शक्तिशाली संदेश भेजता है: महिलाओं की गरिमा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता। न्याय की जीत हुई है, ऐसा हर फैसला एक महत्वपूर्ण मिसाल कायम करता है कि हमारा देश महिलाओं के साथ खड़ा है।”

गुजरात सरकार ने इस मामले के सभी 11 दोषियों को सजा में छूट देकर 15 अगस्त, 2022 को रिहा कर दिया था।










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