यूपी में 6 साल में कितने युवाओ को मिली सरकारी नौकरी? सीएम योगी ने पेश किये ये आंकड़े

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी सरकार ने पिछले छह वर्षों में पूरी निष्पक्षता एवं पारदर्शिता के साथ साढ़े पांच लाख से ज्यादा युवाओं को नौकरी दी है।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ


लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी सरकार ने पिछले छह वर्षों में पूरी निष्पक्षता एवं पारदर्शिता के साथ साढ़े पांच लाख से ज्यादा युवाओं को नौकरी दी है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मुख्यमंत्री ने यहां लोक सेवा आयोग द्वारा विभिन्न विभागों के नवचयनित 496 अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरण एवं ई-अधियाचन पोर्टल के उद्धघाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे ।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले छह वर्षों में पूरी निष्पक्षता एवं पारदर्शिता से साढ़े पांच लाख से ज्यादा युवाओं को नौकरी दी है।

उन्होंने कहा कि इस अवधि में उनकी सरकार द्वारा 60 लाख से ज्यादा युवा उद्यमियों को अपना स्टार्टअप, अपना काम शुरु करने के लिए सहायता दी गई है।

आदित्यनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग योजना से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में 43 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। प्रदेश में एक तरफ जहां शासकीय सेवाओं में नियुक्ति प्रक्रिया चलाई जा रही है, वहीं दूसरी तरफ निजी क्षेत्र में भी नौजवानों को रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने चयनित अभ्यर्थियों से सरकार की अपेक्षा के बारे में बताते हुए कहा कि नवनियुक्त अधिकारी इस बात का ध्यान रखें कि जनता को उनके कार्यों का लाभ मिले। सरकारी सेवा के आने वाले दस वर्ष उनके कार्यों का आधार साबित होंगे।

मुख्यमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल के हालात का जिक्र करते हुए कहा कि छह वर्ष पहले प्रदेश के नौजवानों के सामने पहचान का संकट था। अब इन युवाओं को देश के किसी भी राज्य में अपने राज्य के बारे में बताने से कोई हिचक नहीं होती।

उन्होंने कहा कि ये वही राज्य है जहां विकास के कार्यों में माफिया हावी होते थे। नियुक्ति और स्थानांतरण की प्रक्रिया ताश के पत्तों की तरह फेंटी जाती थी। ये वही प्रदेश है जहां हर तीसरे दिन दंगा होता था। निवेश नहीं आता था। निवेशक अपने संस्थान बंद करके जाने लगे थे। कोई नहीं मानता था कि उत्तर प्रदेश कभी सुधरेगा, लेकिन आज तस्वीर बदली है।

 










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