नितिन देसाई आत्महत्या मामले में एडलवाइस के अफसरों की याचिका पर इस दिन होगी सुनवाई

डीएन ब्यूरो

बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वह मशहूर फिल्म कला निर्देशक नितिन देसाई को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में ‘एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज’ के अध्यक्ष राशेष शाह और ‘एडलवाइस एआरसी’ के प्रबंधक निदेशक एवं सीईओ राज कुमार बंसल के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द किए जाने की उनकी अर्जियों पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

बंबई उच्च न्यायालय
बंबई उच्च न्यायालय


मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वह मशहूर फिल्म कला निर्देशक नितिन देसाई को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में ‘एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज’ के अध्यक्ष राशेष शाह और ‘एडलवाइस एआरसी’ के प्रबंधक निदेशक एवं सीईओ राज कुमार बंसल के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द किए जाने की उनकी अर्जियों पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार शाह तथा एडलवाइस एसेट रीकन्सट्रक्शन कंपनी के एमडी बंसल के अलावा कंपनी के अधिकारी स्मित शाह, केयुर मेहता नामक एक अन्य व्यक्ति और राष्ट्रीय कंपनी कानून अधिकरण (एनसीएलटी) द्वारा नियुक्त पेशेवर जितेंद्र कोठारी ने भी प्राथमिकी रद्द किए जाने का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया है।

उनकी याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई की जाएगी। उन्होंने अपनी याचिका में बलपूर्वक कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा दिए जाने का भी अनुरोध किया है।

बंसल, शाह और दो अन्य आरोपियों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने न्यायमूर्ति एन डब्ल्यू सांबरे की अगुवाई वाली खंडपीठ के समक्ष मामले को सूचीबद्ध किया तथा तत्काल सुनवाई किए जाने का अनुरोध किया।

कोठारी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील आबाद पोंडा ने अदालत को बताया कि कोठारी की ‘‘कोई भूमिका नहीं है, वह तो अपना काम कर पाने की स्थिति में भी नहीं है।’’

‘लगान’ और ‘जोधा अकबर’ जैसी फिल्मों और टीवी कार्यक्रम ‘कौन बनेगा करोड़पति’ का भव्य सेट तैयार करने वाले कला निर्देशक नितिन देसाई (57) दो अगस्त को रायगढ़ जिले के कर्जत में अपने स्टूडियो में फंदे से लटके पाये गये थे।

देसाई की पत्नी ने चार अगस्त को उनकी मौत के मामले में खालापुर पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी। इसके बाद शाह तथा बंसल के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया। कोठारी तथा दो अन्य लोगों के खिलाफ भी भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और धारा 34 (साझा मंशा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी।

देसाई की कंपनी ‘एनडीज आर्ट वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड’ कर्जदाताओं से लिये गए 252 करोड़ रुपये के ऋण का भुगतान नहीं कर सकी थी। इसके बाद राष्ट्रीय कंपनी कानून अधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई शाखा ने कंपनी के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू की थी।

एडलवाइस ने एक बयान में इस बात से इनकार किया था कि ऋण वसूली के लिए देसाई पर कोई दबाव डाला गया था।










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