Bodo Sahitya Sabha: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बोले- स्थानीय भाषाओं का संरक्षण सरकार और समाज का दायित्व

डीएन ब्यूरो

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बोडो साहित्य सभा के 61वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि स्थानीय भाषा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने नयी शिक्षा नीति पर प्रमुखता से जोर दिया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

बोडो साहित्य सभा के 61वें वार्षिक सम्मेलन में राष्ट्रपति कोविंद
बोडो साहित्य सभा के 61वें वार्षिक सम्मेलन में राष्ट्रपति कोविंद


गुवाहाटी: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को कहा कि किसी भी स्थानीय भाषा का संरक्षण सरकार और समाज का दायित्व है। राष्ट्रपति कोविंद ने यहां बोडो साहित्य सभा के 61वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। 

उन्होंने कहा कि स्थानीय भाषा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने नयी शिक्षा नीति पर प्रमुखता से जोर दिया है। केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से क्षेत्र की शांति और समृद्धि में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

राष्ट्रपति ने कहा कि बोडो साहित्य सभा ने भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में बोडो भाषा को शामिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। उन्होंने युवाओं से स्थानीय भाषा को बढ़ावा देते तथा इसे और अधिक जीवंत बनाने के लिए साहित्यिक गतिविधियों में सहभागिता की अपील की।

उन्होंने कहा कि असम में 35 लाख से अधिक लोग बोडो भाषा बोलते हैं और इसे सहयोगी भाषा के रूप में मान्य किया गया है। राष्ट्रपति ने कहा, “बोडो समाज से मेरा पुराना नाता है। राज्यसभा सदस्य के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान मैंने हमेशा बोडोलैंड के मुद्दे पर चर्चा की थी।”

उन्होंने अन्य भाषाओं की किताबों का बोडो भाषा में अनुवाद किये जाने पर हर्ष व्यक्त किया। (वार्ता)










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