बलात्कार पीड़िता के घर में आग लगाने के आरोपी चाचा और दादा समेत चार गिरफ्तार

डीएन ब्यूरो

उन्नाव जिले के मौरावां क्षेत्र के एक गांव में एक दलित बलात्कार पीड़िता के घर में आग लगाने के आरोप में उसके चाचा और दादा समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

गिरफ्तार (फाइल)
गिरफ्तार (फाइल)


उन्नाव: जिले के मौरावां क्षेत्र के एक गांव में एक दलित बलात्कार पीड़िता के घर में आग लगाने के आरोप में उसके चाचा और दादा समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

इस घटना में झुलसे दो बच्चों को बुधवार को हालत बिगड़ने पर लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में रेफर कर दिया गया।

पुलिस सूत्रों ने दर्ज रिपोर्ट के हवाले से यहां बताया कि मौरावां क्षेत्र के एक गांव में बलात्कार पीड़िता द्वारा सुलह नहीं किए जाने से नाराज आरोपियों ने गत 17 अप्रैल को उसके (पीड़िता) और उसकी मां के साथ मारपीट की थी और बाद में पीड़िता के बच्चे को मारने के इरादे से छप्पर में लगा दी थी।

पुलिस का कहना है कि बलात्कार के आरोपियों ने नहीं बल्कि पीड़िता के चाचा ने घर में आग लगाई थी। इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

उन्होंने बताया कि बलात्कार पीड़िता और उसकी मां ने आरोप लगाया था कि पीड़िता द्वारा सुलह नहीं किए जाने से नाराज आरोपियों ने दोनों बच्चों को आग में फेंक दिया था।

आग से झुलसे पीड़िता के छह माह के बेटे और पीड़िता की दो माह की बहन को 18 अप्रैल को उन्नाव जिला अस्पताल से कानपुर के उर्सला अस्पताल रेफर किया गया था। दोनों बच्चों को बुधवार को हालत बिगड़ने पर लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के लिए रेफर कर दिया गया है।

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले पर सरकार को घेरते हुए एक ट्वीट में कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में जमानत पर बाहर आए आरोपियों द्वारा उन्नाव में सामूहिक बलात्कार पीड़िता के सात महीने के बच्चे को जिंदा जलाने की जघन्य घटना पर भाजपा सरकार कुछ करेगी या परिवारवालों के दुख-दर्द को समझने वाला इस बेरहम सरकार में कोई नहीं है।'

हालांकि, उन्नाव पुलिस ने इस पर सफाई देते हुए अपने एक ट्वीट में कहा, ‘‘पीड़िता के चाचा द्वारा ही घर में आग लगायी गई थी, जिसकी पुष्टि घर में मौजूद बच्चों द्वारा वीडियो में की गई है। इस संबंध में थाना मौरावां पर सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।’’

पुलिस का कहना है कि जांच में पता चला है कि पीड़िता का अपने चाचा और दादा से जमीन और मकान को लेकर विवाद है।

सूत्रों ने बताया कि 11 वर्षीय दलित लड़की से 13 फरवरी 2022 को सामूहिक बलात्कार किया गया था। उसने उसी साल सितंबर में एक बेटे को जन्म दिया था।










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