मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मंत्री दीपक जोशी हो सकते हैं कांग्रेस में शामिल, दिया ये संकेत

डीएन ब्यूरो

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने सोमवार को संकेत दिया कि वह जल्द ही कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।

पूर्व मंत्री दीपक जोशी (फ़ाइल)
पूर्व मंत्री दीपक जोशी (फ़ाइल)


भोपाल: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने सोमवार को संकेत दिया कि वह जल्द ही कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत कैलाश जोशी के बेटे और तीन बार विधायक रहे दीपक अगर कांग्रेस में शामिल होते हैं तो यह राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए एक बड़ा झटका होगा। प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।

डाइनामाइट न्यूज़’ ने फोन पर दीपक जोशी से छह मई को कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ‘‘इसकी पूरी संभावना है।’’

पार्टी छोड़ने की संभावना का कारण पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिता की विरासत ईमानदारी थी। मैंने बागली विधानसभा क्षेत्र के विकास में भ्रष्टाचार से संबंधित विभिन्न मुद्दों को उठाया था, लेकिन उन मामलों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।’

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वह बागली विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिताजी अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते थे और मैं अपने पिता की विरासत को आगे ले जाऊंगा।’’

करीब 60 वर्षीय दीपक जोशी ने 2003 में देवास जिले के बागली विधानसभा सीट से भाजपा की टिकट पर जीत दर्ज कर पहली बार विधानसभा में प्रवेश किया था और बाद में उसी जिले की हाटपिपल्या विधानसभा सीट से दो बार (2008 और 2013 में) विधायक रहे। तीसरी बार विधायक बनने के बाद वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में शामिल हो गए और 2018 तक विधायक रहे।

भाजपा नेता जोशी 2018 में हाटपिपल्या से कांग्रेस उम्मीदवार मनोज चौधरी से विधानसभा चुनाव हार गए थे। हालांकि, चौधरी 2020 में भाजपा में शामिल हो गए और उसके बाद हुए उपचुनाव में वह (चौधरी) भाजपा के टिकट पर हाटपिपल्या से फिर से जीते।

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चौधरी और तत्कालीन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार 20 से अधिक अन्य विधायक मार्च 2020 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे, जिसके कारण कमलनाथ नीत तत्कालीन कांग्रेस सरकार अल्पमत में आकर गिर गई थी और राज्य में भाजपा की सत्ता में वापसी का मार्ग प्रशस्त हुआ था।

सूत्रों ने कहा कि चौधरी के भाजपा में शामिल होने के बाद से दीपक जोशी भाजपा में काफी हद तक दरकिनार कर दिए गए।










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