मॉनसून सत्र: जानिये क्यों हंगामें की भेंट चढ़ा संसद का पहला दिन? लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिये स्थगित
मॉनसून सत्र के पहले दिन आज दोनों सदनों में भारी हंगामा हुआ। कई बार राज्य सभा और लोक सभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। जोरदार हंगामे के कारण नियत समय से पहले ही लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को कल तक के लिये स्थगित करना पड़ा। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

नई दिल्ली: सोमवार को मॉनसून सत्र का पहला दिन भारी हंगामे की भेंट चढ़ गया। सत्र की शुरूआत के समय से ही आज दोनों सदनों में भारी हंगामा हुआ। कई बार राज्य सभा और लोक सभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। लेकिन कार्यवाही शुरू होते ही हर बार जोरदार हंगामा होता रहा। विपक्षी सांसद कई मुद्दों पर चर्चा कराना चाहते थे। आखिरकार भारी हंगाने के बाद नियत समय से पहले ही लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को कल सुबह 11 बजे तक के लिये स्थगित कर दिया गया।
राज्यसभा सांसद और असम कांग्रेस के अध्यक्ष रिपुन बोरा पहले ही केंद्रीय मंत्री निसिथ प्रामाणिक की नागरिकता की जांच की मांग कर चुके हैं। बोरा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दावा किया है कि प्रामाणिक बांग्लादेशी नागरिक हैं। आज भी इस मुद्दे पर खासा हंगामा हुआ।
मॉनसून सत्र में विपक्षी दलों ने सरकार को फोन टेपिंग, किसान आंदोलन, महंगाई, तेल कीमतें, बेरोजगारी, केंद्रीय मंत्री निसिथ प्रामाणिक की नागरिकता जैसे मुद्दों पर घेरने की कोशिश की और इन मुद्दों पर जोरदार हंगामा भी हुआ। विपक्ष की ओर से सदन में लगातार नारेबाजी की गई। हालांकि फोन टैपिंग से जासूसी के आरोपों को सरकार ने एक बार फिर आज सदन में नकार दिया।
राज्यसभा सांसद और असम कांग्रेस के अध्यक्ष रिपुन बोरा पहले ही केंद्रीय मंत्री निसिथ प्रामाणिक की नागरिकता की जांच की मांग कर चुके हैं। बोरा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दावा किया है कि प्रामाणिक बांग्लादेशी नागरिक हैं। आज भी इस मुद्दे पर खासा हंगामा हुआ।
Pegasus सॉफ्टवेयर के मामले को लेकर विपक्षी पार्टियां सरकार पर हमलावर रहीं। विपक्षी नेताओं द्वारा लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में इस विषय पर चर्चा की मांग की।
Any form of illegal surveillance isn't possible with checks & balances in our laws &robust institutions. In India, there's a well-established procedure through which lawful interception of electronic communication is carried out for purpose of national security: IT Minister in LS pic.twitter.com/KL7mIjIvWe
— ANI (@ANI) July 19, 2021
लोकसभा में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने फोन टैपिंग से जासूसी के आरोप को गलत बताते हुए कहा कि डेटा का जासूसी से कोई संबंध नहीं है। जो रिपोर्ट पेश की गई है उसके तथ्य गुमराह करने वाले हैं और उसमें कोई दम भी नहीं है।
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा दावा किया गया है कि Pegasus सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से भारत (India) में कई पत्रकारों, नेताओं और अन्य लोगों के फोन हैक किए गए थे। इस खुलासे के बाद सियासी पारा गरम है। विपक्षी पार्टियों द्वारा लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में इस विषय पर चर्चा की मांग की गई है।