Lifestyle News: अचानक मौसम में बदलाव कितना खतरनाक, हो सकती है कई गंभीर बीमारियां

बदलते मौसम के साथ नई-नई बिमारियां भी पनपती है। फीवर भी इन में से एक है। लेकिन आपको कैसे पता चलेगा कि अगर बुखार के साथ ठंड भी लगे तो ये कोई आम फीवर नही है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 10 April 2025, 5:13 PM IST
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नई दिल्ली: आज से मौसम का  मिजाज पूरी तरह से बदल चुका है। दिल्ली के कई इलाकों में बारिश तेज हवा ने दस्तक दे  दी है। ऐसे में बात करें अचानक बदलते मौसम के हाल के बारे में तो इससे अब वायरस का खतरा भी बढ़ रहा है। सर्दी के लक्षण लोगों में ज्यादा देखने को मिल सकती है।  

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस प्रकार के मौसम में बुखार का होना आम बात है, लेकिन यदि बुखार के साथ ठंड लगना, कंपकंपी, पसीना आना और शरीर में दर्द भी महसूस हो, तो इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। यह संकेत किसी साधारण वायरल बुखार का नहीं। बल्कि किसी ख़तरनाक संक्रमण या बीमारी का हो सकता है। जब बुखार के साथ ठंड लगती है तो क्या करना चाहिए।

बुखार के साथ ठंड लगने के कारण

मलेरिया में बुखार अचानक तेज़ आ सकता है। फिर ठंड महसूस होती है। इसे ‘हॉट एंड कोल्ड’ साइकिल भी कहा जाता है। जहां कुछ घंटे बाद बुखार फिर से लौट सकता है। इस बुखार की विशेषता यह है कि यह धीरे-धीरे बढ़ता है। और इसके साथ ठंड और कमजोरी महसूस होती है। यह आमतौर पर बच्चों और युवाओं में देखा जाता है। डेंगू के लक्षणों में तेज़ बुखार, असहनीय हड्डियों का दर्द और ठंड लगना शामिल होते हैं। इसके लिए प्लेटलेट्स की जांच करना आवश्यक होता है।  कुछ वायरल संक्रमण भी बुखार के साथ ठंड का कारण बन सकते हैं। लेकिन ये आमतौर पर 3-5 दिन के भीतर ठीक हो जाते हैं। महिलाओं में UTI जैसी समस्याओं में भी ठंड और बुखार के लक्षण देखे जाते हैं।

लक्षणों की पहचान

  • अचानक तेज़ बुखार के साथ कंपकंपी।
  • शारीरिक दर्द एवं कमजोरी।
  • सिर दर्द और आंखों में जलन।
  • भूख में कमी।
  • बार-बार पसीना आना।
  • बदन का टूटना या जोड़ों में दर्द।
  • बुखार और ठंड होने पर क्या करना चाहिए
  • बुखार की अनदेखी न करें, खासकर अगर इसके साथ ठंड और शरीर में दर्द महसूस हो रहा हो। ऐसे में तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

नियमित अंतराल पर (हर 3-4 घंटे) तापमान मापते रहें।

  • हल्का गर्म पानी, इलेक्ट्रॉल, नारियल पानी और हल्का सुपा पीने का ध्यान रखें।
  • अधिक शारीरिक श्रम करने से बचें और आराम करें।
  • मलेरिया, डेंगू, और टायफॉइड के लिए सीबीसी, प्लेटलेट काउंट और अन्य आवश्यक परीक्षण कराना न भूलें।

क्या नहीं करना चाहिए

  • बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक दवाएं न लें।
  • ठंडे पानी या बर्फीली चीजें न पिएं।
  • बुखार को नज़रअंदाज़ न करें।
  • अपने आप से बीमारी का अनुमान न लगाकर इलाज शुरू करने से बचें।

इन सावधानियों का पालन करके, आप बुखार और ठंड जैसी समस्याओं से बच सकते हैं और स्वस्थ रह सकते हैं। ध्यान दें कि अपने स्वास्थ्य को लेकर लापरवाह होना कभी भी सही नहीं होता