

बदलते मौसम के साथ नई-नई बिमारियां भी पनपती है। फीवर भी इन में से एक है। लेकिन आपको कैसे पता चलेगा कि अगर बुखार के साथ ठंड भी लगे तो ये कोई आम फीवर नही है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: आज से मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदल चुका है। दिल्ली के कई इलाकों में बारिश तेज हवा ने दस्तक दे दी है। ऐसे में बात करें अचानक बदलते मौसम के हाल के बारे में तो इससे अब वायरस का खतरा भी बढ़ रहा है। सर्दी के लक्षण लोगों में ज्यादा देखने को मिल सकती है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस प्रकार के मौसम में बुखार का होना आम बात है, लेकिन यदि बुखार के साथ ठंड लगना, कंपकंपी, पसीना आना और शरीर में दर्द भी महसूस हो, तो इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। यह संकेत किसी साधारण वायरल बुखार का नहीं। बल्कि किसी ख़तरनाक संक्रमण या बीमारी का हो सकता है। जब बुखार के साथ ठंड लगती है तो क्या करना चाहिए।
बुखार के साथ ठंड लगने के कारण
मलेरिया में बुखार अचानक तेज़ आ सकता है। फिर ठंड महसूस होती है। इसे ‘हॉट एंड कोल्ड’ साइकिल भी कहा जाता है। जहां कुछ घंटे बाद बुखार फिर से लौट सकता है। इस बुखार की विशेषता यह है कि यह धीरे-धीरे बढ़ता है। और इसके साथ ठंड और कमजोरी महसूस होती है। यह आमतौर पर बच्चों और युवाओं में देखा जाता है। डेंगू के लक्षणों में तेज़ बुखार, असहनीय हड्डियों का दर्द और ठंड लगना शामिल होते हैं। इसके लिए प्लेटलेट्स की जांच करना आवश्यक होता है। कुछ वायरल संक्रमण भी बुखार के साथ ठंड का कारण बन सकते हैं। लेकिन ये आमतौर पर 3-5 दिन के भीतर ठीक हो जाते हैं। महिलाओं में UTI जैसी समस्याओं में भी ठंड और बुखार के लक्षण देखे जाते हैं।
लक्षणों की पहचान
नियमित अंतराल पर (हर 3-4 घंटे) तापमान मापते रहें।
क्या नहीं करना चाहिए
इन सावधानियों का पालन करके, आप बुखार और ठंड जैसी समस्याओं से बच सकते हैं और स्वस्थ रह सकते हैं। ध्यान दें कि अपने स्वास्थ्य को लेकर लापरवाह होना कभी भी सही नहीं होता