ईडी ने धन शोधन के मामले में डीसीएचएल के दो प्रवर्तकों, लेखा परीक्षक को किया गिरफ्तार

डीएन ब्यूरो

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने डेक्कन क्रॉनिकल होल्डिंग्स लिमिटेड (डीसीएचएल) के दो प्रवर्तकों और एक लेखा परीक्षक को कथित बैंक धोखाधड़ी मामले से जुड़े धनशोधन की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार (फाइल)
गिरफ्तार (फाइल)


नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने डेक्कन क्रॉनिकल होल्डिंग्स लिमिटेड (डीसीएचएल) के दो प्रवर्तकों और एक लेखा परीक्षक को कथित बैंक धोखाधड़ी मामले से जुड़े धनशोधन की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया है।

धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किए गए आरोपियों में डीसीएचएल के प्रवर्तक एवं पूर्व निदेशक टी. वेंकटराम रेड्डी और पी.के. अय्यर तथा कंपनी के लेखा परीक्षक मणि ओम्मेन शामिल हैं।

एजेंसी के अनुसार, 2020 में इसकी जांच में पाया गया कि ‘‘डीसीएचएल के तीन प्रवर्तकों पी. के. अय्यर, टी. वेंकटराम रेड्डी और टी. विनायकरवी रेड्डी ने साजिश रची तथा कंपनी के बही-खाते में हेरफेर कर मुनाफा-विज्ञापन राजस्व बढ़ाया और बैंकों तथा उसके शेयरधारकों को धोखा देने के लिए वर्षों तक एक अच्छी तस्वीर पेश करने के लिए कंपनी की वित्तीय देनदारियों को कम करके बताया गया।’’

कंपनी उस समय कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत बताई गई थी।

एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) द्वारा केवल 400 करोड़ रुपये की समाधान योजना को मंजूरी दी गई है। डीसीएचएल और उसके प्रवर्तकों द्वारा कुल 8,180 करोड़ रुपये की ऋण धोखाधड़ी किए जाने का अनुमान है।

ईडी ने कथित बैंक ऋण चूक की जांच के लिए दर्ज केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी पर गौर करने के बाद 2015 में कंपनी और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था।

 










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