ऋण धोखाधड़ी: पुणे के सहकारी बैंक को 60 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोपी गिरफ्तार
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कहा कि उसने कथित धोखाधड़ी और 429 करोड़ रुपये मूल्य के सार्वजनिक धन के गबन से संबंधित धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कहा कि उसने कथित धोखाधड़ी और 429 करोड़ रुपये मूल्य के सार्वजनिक धन के गबन से संबंधित धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
आरोपी सागर मारुति सूर्यवंशी को पुणे में स्थित सेवा विकास सहकारी बैंक धोखाधड़ी मामले की जांच के सिलसिले में धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत 15 जून को हिरासत में लिया गया था। एक विशेष पीएमएलए अदालत ने उसे 26 जून तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया है।
एजेंसी ने एक बयान में कहा, “सागर सूर्यवंशी और उसके रिश्तेदारों द्वारा 10 गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) खातों के जरिए बैंक से 60.67 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी किए जाने का पता चला था। उन्होंने अमर मूलचंदानी (बैंक के पूर्व अध्यक्ष) के साथ मिलीभगत करके ऋण प्राप्त किया।”
महाराष्ट्र पुलिस ने मूलचंदानी और उनके परिवार के पांच सदस्यों को 27 जनवरी को ईडी की छापेमारी में 'बाधा डालने' और 'सबूत को नष्ट करने' के आरोप में गिरफ्तार किया था।
मूलचंदानी और अन्य के खिलाफ धनशोधन की जांच बैंक की शिकायतों के आधार पर पुणे पुलिस द्वारा दर्ज की गई कई प्राथमिकी और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार द्वारा किए गए एक ऑडिट के आधार पर की जा रही है। ऑडिट में “बड़े पैमाने पर” धोखाधड़ी और सार्वजनिक धन की हेराफेरी की ओर इशारा किया गया था, जिससे सेवा विकास सहकारी बैंक को 429 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।