

कार्तिक शुक्ल द्वितिया को भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। जानिए इस त्योहार का महत्व और क्यों मनाया जाता है भाई दूज। पढ़ें पूरी खबर
नई दिल्लीः भाई दूज या भैयादूज के त्योहार को भाई-बहन के पवित्र बंधन और प्रेम के लिए जाना जाता है। भाई दूज अन्य सभी त्योहारों से बहुत अलग माना जाता है। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस त्योहार में किसी देवी-देवता की पूजा करने के बजाय अपने ही भाई को तिलक करते हैं।
क्यों मनाई जाती है भाई दूज
भाई दूज मनाने के पीछे एक कहानी है। कहा जाता है कि यमुना ने इसी दिन अपने भाई यमराज की लंबी आयु के लिए व्रत किया था और उन्हें अन्नकूट का भोजन खिलाया था। कथा के अनुसा, यम देवता ने अपनी बहन को इसी दिन दर्शन दिए थे। यम की बहन यमुना अपने भाई से मिलने के लिए अत्यधिक व्याकुल थी। अपने भाई के दर्शन कर यमुना बेहद प्रसन्न हुई। यमुना ने प्रसन्न होकर अपने भाई की बहुत आवभगत की। यम ने प्रसन्न होकर उसे वरदान दिया कि इस दिन अगर भाई-बहन दोनों एक साथ यमुना नदी में स्नान करेगें तो उन्हें मुक्ति प्राप्त होगी।
कैसे मनाते हैं भाई दूज का त्योहार
भाईदूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है। इस दिन मृत्यु के देवता यम की पूजा का भी विधान है। भाईदूज पर बहनें भाई की लम्बी आयु की प्रार्थना करती हैं। इस दिन को भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है। इस दिन मुख्य रुप से भाई और बहन के पावन संबंध और प्रेमभाव की स्थापना करना है। भाईदूज के दिन बहनें रोली और अक्षत से अपने भाई का तिलक कर उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीष देती हैं। साथ ही भाई अपनी बहन को उपहार देता है।