DN Exclusive: अहिर रेजीमेंट बनाने की मांग ने फिर पकड़ा जोर

डीएन ब्यूरो

यूं तो देश में अहीर रेजिमेंट बनाने की मांग बेहद पुरानी है, लेकिन एक बार फिर इसके जोर पकड़ने से इस मांग को नया बल मिलता हुआ दिख रहा है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी खबर..

Twitter पर छायी यह मांग
Twitter पर छायी यह मांग


नई दिल्ली: देश की सेना में अहिर रेजीमेंट बनाने की मांग ने फिर एक बार अचानक जोर पकड़ा है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस बार यह मांग किसी राजनीतिक नेतृत्व के बिना जोर पकड़ रही है। रविवार सुबह से ही माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर अहिर रेजीमेंट बनाने की मांग तेजी से ट्रेंड कर रही है और कई लोग इससे जुड़ रहे हैं। 

दरअसल अहीर रेजिमेंट बनाने की मांग यूं तो बेहद पुरानी है, लेकिन एक बार फिर इसके अचानक जोर पकड़ने से इस मांग को नया बल मिलता हुआ दिख रहा है। अहीर रेजिमेंट की मांग ऑल इंडिया यादव महासभा ने 2016 में उठाई थी। इसके बाद अक्टूबर 2016 में यादव जाति के सैकड़ों लोगों ने गुड़गांव के खेड़की दौला गांव में इस मागं को लेकर भूख हड़ताल भी की थी। लकिन कुछ आश्वसानों के बाद यह मामला हलका पड़ गया

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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी 2019 के चुनावों में उत्तर  प्रदेश के अधिसंख्य लोगों और युवाओं के रूख को देखते पार्टी का घोषणा पत्र में इसको शामिल किया था। उन्होंने 'सामाजिक न्याय से महापरिवर्तन' के वादे के साथ सेना में एक अलग नई 'अहीर बख्तरबंद रेजिमेंट' बनाने का वादा किया था। 

हालांकि पीएम मोदी ने एक बार संसद में इसको लेकर बयान दिया था, जिसमें उन्होंने साफ किया कि अहीर रेजिमेंट बनाने की सरकार की कोई मंशा नही है।  

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बदले वक्त के साथ अहीर रेजिमेंट की मांग का फिर से जोर पकड़ना कई बातों की तरफ इशारा करता है। जिसका सबसे बड़ा संदेश इस समुदाय के लोगों में भारतीय सेना से जुड़कर राष्ट्र सेवा का जज्बा होना समझा जा सकता है। 

ट्विटर पर यह मांग रविवार सुबह को "अहीर रेजिमेंट हक है हमारा" टैग के साथ ट्रैंड करती दिखी।
 










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