आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा को दिल्ली HC ने दी राहत, सुनवाई दिल्ली में नहीं होगी सुनवाई

डीएन ब्यूरो

दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1998 बैच के अधिकारी अमित लोढ़ा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही से जुड़े मामले को केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की पटना पीठ से नयी दिल्ली स्थानांतरित किये जाने को निरस्त कर दिया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

दिल्ली उच्च न्यायालय
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नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1998 बैच के अधिकारी अमित लोढ़ा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही से जुड़े मामले को केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की पटना पीठ से नयी दिल्ली स्थानांतरित किये जाने को निरस्त कर दिया।

लोढ़ा बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि मामले के स्थानांतरण की अनुमति देते समय, यह अधिकरण के अध्यक्ष पर निर्भर करता है कि वह न्याय के हित में एक तार्किक आदेश जारी करें।

पीठ में न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता भी शामिल हैं। अदालत ने कहा, ‘‘हमने (अधिकरण के) अध्यक्ष द्वारा पारित दिनांक दो मार्च, 2023 और 27 मार्च, 2023 के आदेशों को रद्द कर दिया है।’’

पीठ ने कहा कि केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण के अध्यक्ष, पक्षों के वकीलों को सुनकर स्थानांतरण याचिकाओं पर नए सिरे से विचार करें और कानून के अनुसार एक तर्कसंगत और स्पष्ट आदेश पारित करें।

पिछले साल 12 जुलाई को अधिकारियों द्वारा बिहार में लोढ़ा के खिलाफ भ्रष्टाचार, घोर अनियमितताएं और मनमानी करने सहित अन्य आरोपों को लेकर अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने का निर्णय लिया गया था।

लोढ़ा, अपनी पुस्तक 'बिहार डायरीज़' पर आधारित वेब सीरिज 'खाकी' की रिलीज के बाद चर्चा में रहे थे। उन्होंने अधिकरण की पटना पीठ के समक्ष कार्यवाही को चुनौती दी और फिर विषय को प्रधान पीठ में स्थानांतरित करने के लिए एक स्थानांतरण याचिका दायर की।

उन्होंने अपने खिलाफ अलग अनुशासनात्मक कार्यवाही के खिलाफ प्रधान पीठ के समक्ष एक और मामला दायर किया, जिसे अध्यक्ष ने बरकरार रखा।

लोढ़ा ने कहा कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने की बिहार के अधिकारियों की पूरी कार्रवाई दुर्भावनापूर्ण थी और इसका मकसद अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के अगले पद पर उनकी पदोन्नति से उन्हें वंचित करना था। उन्होंने कहा कि इस तरह, मामले की सुनवाई राज्य के बाहर होना न्याय के हित में होगा।

अदालत ने कहा, ‘‘हम अधिकरण के अध्यक्ष के समक्ष स्थानांतरण याचिकाओं में सुनवाई की तारीख 3 नवंबर, 2023 तय करते हैं।’’










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