दिल्ली में काफल सोसायटी के वार्षिकोत्सव में हुए मां नंदा देवी के दर्शन, मनमोहक झांकी देख झूमे उत्तराखंड के लोग

सुभाष रतूड़ी

राजधानी दिल्ली में आयोजित काफल कोऑपरेटिव सोसायटी के वार्षिकोत्सव में उत्तराखंड की अराध्य मां नंदा देवी की मनमोहक झांकी देख उत्तराखंड के लोग भावुक होकर झूम उठे। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़

काफल सोसायटी के वार्षिकोत्सव में मां नंदा देवी की झांकी
काफल सोसायटी के वार्षिकोत्सव में मां नंदा देवी की झांकी


नई दिल्ली: उत्तराखंड के प्रवासी लोगों की आर्थिक सुरक्षा और उन्नति में जुटी काफल कोऑपरेटिव सोसायटी ने राजधानी दिल्ली में संस्था के वार्षिक समारोह का शानदार आयोजन किया। रविवार को संत नगर बुराड़ी में आयोजित काफल सोसायटी के वार्षिक समारोह में उत्तराखंड की अराध्य मां नंदा देवी की मनमोहक झांकी देख उपस्थित प्रवासी भावुक होकर झूम उठे। इस खास मौके पर लोकगीत, संगीत और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही और उत्तराखंड के साथ ही अन्य राज्यों के प्रवासी भी जमकर थिरके। 

सीनियर आईएएस अधिकारी और उत्तराखंड शासन में सचिव विनोद प्रसाद रतूड़ी काफल कोऑपरेटिव सोसायटी के वार्षिक समारोह के बतौर मुख्य अतिथि शामिल रहे। अन्य अतिथियों और गणमान्य लोगों में प्रो. देवी प्रसाद त्रिपाठी, पूर्व कुलपति, शिक्षाविद्, वार्ताकार व कई सामाजिक गतिविधियों से जुड़े शंभू प्रसाद रतूड़ी, बुराड़ी के विधायक संजीव झा, निगम पार्षद धर्मेंद्र रावत समेत कई गणमान्य लोग शामिल रहे।

समारोह में तरुण सांस्कृतिक कला मंच से जुड़े कलाकारों के अलावा गीतकार और गायक के रूप में सत्यम तेजवान, राकेश पंवार, दीपक पंवार, अमन खरेला, हर्षपति उत्तराखंडी आदि ने कई शानदार कार्यक्रम पेश किये और लोक गीतों पर उपस्थित दर्शकों को नाचने के लिये विवश किया।    

कार्यक्रम में उत्तराखंड के कई नये और स्थापित लोकगायकों, संगीतज्ञों, रंगकर्मियों और संस्कृति प्रेमियों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया और शानदार प्रस्तुतियां दीं। 

मुख्य अतिथि के रूप में आईएएस विनोद प्रसाद रतूड़ी ने दिल्ली में रह रहे उत्तराखंड के लोगों की आर्थिक समृद्धि की दिशा में काफल सोसायटी द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की और अधिक से अधिक लोगों से सदस्य के रूप में सोसायटी से जुड़ने का आह्वान किया। 

संस्था के अध्यक्ष जगदीश मलेठा ने कहा कि इंसानी जीवन हमेशा लगभग पैसों के इर्द-गिर्द ही रहता है और आर्थिक उन्नति हर किसी का मकसद होता है। उन्होंने कहा कि पैसों की कमी से किसी का कोई सपने न टूटे, यही काफल का मकसद है। उन्होंने बताया कि काफल सोसायटी अब तक पांच लोगों को रोजगार दे चुकी है और कई लोगों के घर के सपनों को पूरा कर चुकी है। काफल जिस तेजी से प्रगति पथ पर अग्रसर है, उससे साफ है कि भविष्य में हम और भी लोगों को रोजगार देने में सफल होंगे और कई लोगों के सपनों को साकर कर सकेंगे। 

काफल कोऑपरेटिव सोसायटी के महासचिव देवेन्द्र रतूड़ी ने इस मौके पर संस्था की वार्षिक वित्तीय रिपोर्ट पेश की। उन्होंने कहा कि काफल का वार्षिक कारोबार साल दर साल तेजी से आगे बढ़ रही है और समीक्षाधीन अवधि में पिछले साल की अपेक्षा इस साल संस्था के हर तरह खातों (सेविंग, आरडी, एफडी आदि) में प्राप्त आय बढ़ी है।

उन्होंने कहा काफल द्वारा सदस्यों को बैंकों की सामान्य ब्याज दरों से अधिक ब्याज दी जा रही है और लोगों को उनकी जमा पूंजी पर हर साल उच्च लाभांश दिया जा रहा है। संस्था ने लगभग 6 करोड़ से अधिक का लोन भी अपने सदस्यों को दिया और कॉफल अपार्टमेंट का निर्माण कर कई लोगों के घर के सपनों को पूरा किया।  

उन्होंने कहा कि जाति-धर्म और क्षेत्रवाद की संकीर्णताएं हमेशा किसी भी व्यक्ति और समाज की आर्थिक उन्नति में बाधक रहे है। उन्होंने व्यापक स्तर पर सभी लोगों से काफल सोसायटी की सदस्यता ग्रहण करने की अपील की, ताकि काफल के जरिये वे आर्थिक तौर पर खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें। 

बुराड़ी के विधायक संजीव झा ने कहा कि लोग हमेशा पैसों के लेन-देन में सबसे अधिक सावधान रहते है और भरोसे के बाद ही कहीं पैसा देते या लगाते हैं। लेकिन काफल सोसायटी के प्रति लोगों के लगातर बढ़ रहा विश्वास इस संस्था की सबसे बड़ी पूंजी है, जो इसे लेन-देने के मामलों में सबसे अलग बनाता है। उन्होंने काफल अपार्टमेंट के निर्माण के लिए संस्था की सराहना की और कार्यक्रम में मंच से ही काफल सोसायटी का सदस्य बनने की घोषणा की।

शिक्षाविद और साहित्यकार शंभू प्रसाद रतूड़ी ने कहा काफल सोसायटी महज एक संस्था नहीं बल्कि एक आंदोलन है। यह अभी दिल्ली में संचालित हो रही है लेकिन उन्हें विश्वास है कि भविष्य में काफल सोसायटी पूरे देश में विस्तारित होगी और यह असंख्य लोगों की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने में सफल होगी। उन्होंने काफल निदेशक मंडल के सदस्यों को इस नेक मुहिम के लिये साधुवाद का पात्र करार दिया। 

कार्यक्रम में शानदार प्रस्तुति देने वालों को काफल सोसायटी ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। समारोह में दिल्ली-एनसीआर के अलावा उत्तराखंड से आये कई महिल-पुरुष और बच्चों ने भाग लिया।










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