

आजकल डीपफेक वीडियो के जरिए कई साइबर क्राइम हो रहे हैं, जिसे रोकने के लिए सीबीआई समेत कई सरकारी एजेंसी अलर्ट जारी कर रही है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्लीः भारत में साइबर क्राइम के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं, जिनके शिकार सबसे ज्यादा बुजुर्ग हो रहे हैं। इन अपराध को रोकने के लिए सरकार जी तोड़ मेहनत कर रही है, लेकिन अपराध है कि रूकने का नाम ही नहीं ले रहा है। अपराध को रोकने के लिए कई सख्ती बरती जा रही है और दूसरी ओर अपराधी अपराध करने के नए-नए तरीके ला रहे हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के मुताबिक, पहले लूटपाट हथियार और बल के द्वारा होता था, लेकिन अब ये अपराध टेक्नोलॉजी के द्वारा किया जा रहा है। जिन्हें पकड़ना पुलिस के लिए मुश्किल हो गया है। कुछ समय से डीपफेक वीडियो के जरिए लोगों को लूटा जा रहा है, जिसमें अब तक लाखों लोग शिकार बन चुके हैं।
इस बार साइबर क्राइम सरकारी अवसरों के नाम से किया जा रहा है, जिसमें अपराधी लोगों को पुलिस या किसी सरकारी बैंक अवसर बताकर डीपफेक वीडियो कॉल या नॉर्मल कॉल करके अपने जाल में फंसा रहे हैं। ज्यादातर इस मामले में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का नाम सामने आया है। इस अपराधा को रोकने और लोगों को अलर्ट करने के लिए सीबीआई बैंक लगातार सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहा है कि उनके बैंक की तरफ से कोई भी कॉल नहीं किया जा रहा है।
हाल ही में सीबीआई बैंक ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट किया था जिसमें उन्हें कहा कि भारतीय स्टेट बैंक अपने सभी ग्राहकों और आम जनता को सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले कई डीपफेक वीडियो के प्रति आगाह कर रहा है। यह वीडियो एआई द्वारा जनरेक्टेड होते हैं।
एसबीआई ऐसी किसी भी योजना का समर्थन नहीं करता है जो अवास्तविक या असामान्य रूप से उच्च रिटर्न का वादा करती हो। हम सभी ग्राहकों को हमारी आधिकारिक वेबसाइट (https://bank.sbi) आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल या हमारी किसी भी नजदीकी शाखा से जानकारी सत्यापित करने की सलाह दी जाती है।
क्या है डीपफेक वीडियो
डीपफेक वीडियो एक एडिट की हुई झूठी वीडियो होती है, जो एआई द्वारा बनाई जाती है। जिसके चलते कई साइबर क्राइम घट रहे हैं। ये दिखने में एकदम असली वीडियो की तरह होता है। इस वीडियो में ज्यादातर दूसरे लोगों की तस्वीर और आवाज का यूज किया जाता है। इस वीडियो को एक सॉफ्टवेयर की मदद से पहचाना जाता है।
डीपफेक वीडियो से हो रहे साइबर क्राइम से कैसे बचें ?
1. कोई भी पुलिस अवसर या बड़ी एजेंसी वीडियो कॉल या नॉर्मल कॉल नहीं करती है।
2. जब भी कोई ऐसी कॉल आए तो जूझबूझ से काम करें और तुरंत पुलिस को सूचना दें।
3. यदि आप कॉल उठाते हैं तो पूरी जानकारी के बाद ही कुछ निर्णय लें।
4. किसी को भी फोन में आए ओटीपी शेयर ना करें।
5. इस तरह की शिकायत के लिए आप 1930 नंबर पर कॉल कर सकते हैं।
नोट करें: डाइनामाइट न्यूज़ आपको सतर्क करता है कि यदि आपके साथ इस तरह का कोई भी साइबर क्राइम होता है तो आप तुरंत इसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करें और इस दौरान कुछ भी ना छुपाएं। कई लोग पुलिस को झूठ बोलते हैं कि उन्होंने किसी के साथ ओटीपी शेयर नहीं किया है और बिना ओटीपी शेयर बैंक से पैसे जाना नामुकिन है। अगर आप ओटीपी शेयर करते हैं तो यह सूचना पुलिस को जरूर दें।