Health Bulletin: कोरोना मामलों की दर को दिशा-निर्देशों को स्वास्थ्य मंत्रालय ने कही ये बात..

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ मामलों की चरम अवस्था जून-जुलाई में आने वाले दावों पर कहा है कि देश इस समय एक ऐसे संक्रामक रोग का सामना कर रहा है जिसकी प्रसार दर काफी अधिक है और लोगों का साफ-सफाई, सामाजिक दूरी और लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों का पालन करना बहुत जरूरी है तथा किसी भी स्तर पर हुई लापरवाही अब तक की मेहनत पर पानी फेर सकती है।

Updated : 8 May 2020, 7:23 PM IST
google-preferred

नयी दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ मामलों की चरम अवस्था जून-जुलाई में आने वाले दावों पर कहा है कि देश इस समय एक ऐसे संक्रामक रोग का सामना कर रहा है जिसकी प्रसार दर काफी अधिक है और लोगों का साफ-सफाई, सामाजिक दूरी और लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों का पालन करना बहुत जरूरी है तथा किसी भी स्तर पर हुई लापरवाही अब तक की मेहनत पर पानी फेर सकती है।

 

स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि इस समय देश में सभी लोगों को साफ-सफाई के मानकों का पालन करते हुए और अपनी और दूसरों की रक्षा करनी है। ऐसा करने से ही संक्रामक रोग के प्रसार को रोका जा सकता है। अगर लोग जरूरी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करेंगे तो कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी से इनकार नहीं किया जा सकता। अगर लोग दिशा-निर्देश का पालने करेंगे तो हो सकता है कि कोरोना प्रसार का ग्राफ पहले की तरह ही ‘फ्लेटनरहे।

उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कहा गया था कि अप्रैल या मई में भारत में कोरोना मामलों की चरम अवस्था होगी लेकिन लॉकडाउन और सामाजिक दूरी के मानकों का पालन करते हुए हमने काफी हद तक विषाणु के प्रसार को कम कर दिया है और अगले महीनों में भी इसी तरह की सावधानी बरतनी होगी। देश में इस समय अनेक क्षेत्रों में कोरोना के सर्वाधिक मामले आ रहे हैं और सरकार का ध्यान उनसे निपटने की रणनीति पर है। इस तरह के दावे गणितीय माडल के आधार पर किए जाते हैं और सावधानी बरती जाए तो नतीजों को बदला भी जा सकता है।

उन्होंने बताया कि कनवलसेंट प्लाज्मा की सुरक्षा और प्रभाविताें की जांच के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के ‘प्रोजेक्ट प्लेसिड यानी फेज टू ओपन लेबल रेडमाइज्ड ट्रायल को “ नेशनल एथिक्स कमेटी की मंजूरी मिल गई है और अब देश के 21 अस्पतालों में इस संबंध में क्लीनिकल ट्रायल करेगा। इनमें पांच अस्पताल महाराष्ट्र और चार गुजरात में हैं। राजस्थान तमिलनाडु, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश से दो-दो अस्पताल हैं। इसके अलावा पंजाब, कर्नाटक तेलंगाना और चंड़ीगढ़ से एक एक अस्पताल हैं।

अग्रवाल ने बताया कि देश में अब तक 16540 लोग कोरोना वायरस से ठीक हो चुके हैं और 37916 मामले सक्रिय चिकित्सा निगरानी में हैं। पिछले 24 घंटों में 3390 कोरोना मामलों की वृद्धि दर्ज की गई है और कल 1273 लोग ठीक भी हुए हैं जिससे मरीजों के ठीक होने की दर 29़ 36 प्रतिशत हो गई है और यह काफी सकारात्मक है(वार्ता)

Published : 
  • 8 May 2020, 7:23 PM IST

Related News

No related posts found.