Chhattisgarh B.Ed Teachers: छत्तीसगढ़ में आदीवासी महिला टीचर्स पर पुलिस ने की बर्बता, देखिए कैसे बेसुध हुई महिलाएं

डीएन ब्यूरो

छत्तीसगढ़ में बीएड सहायक महिला शिक्षकों पर पुलिस ने की बर्बरता। डाइनामाइट न्यूज़ पर देखिए प्रसाशन का अत्याचार

महिलाओं पर अत्याचार
महिलाओं पर अत्याचार


छत्तीसगढ़: पहले कहते हैं बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ, फिर जब बेटी पढ़ लिखकर अपने हक के लिए आवाज उठाए तो उसके साथ ऐसी बर्बता की जाती है। रोती बिलखती महिलाओं की  तस्वीरें सामने आई हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, ये तस्वीरें छत्तीसगढ़ की उन आदीवासी महिला शिक्षकों की है जो हैं, जो अपने हक के लिए आंदोलन कर रही थीं। इसी बीच कई पुलिस कर्मी महिलाओं को वहां से हटाने के लिए बर्बता करते नजर आए।  

क्या है मामला?

छत्तीसगढ़ में सरकार ने करीब 3,000 बीएड सहायक महिला शिक्षकों को अचानक नौकरी से निकाल दिया, जिसके खिलाफ महिलाएं 10 दिनों से राजधानी रायपुर की सड़कों पर आंदोलन कर अपना विरोध जता रही हैं। आंदोलनकारीयों की आवाज दबाने के लिए महिलाओं पर पुलिस अधिकारियों ने बर्बता की। पुसिल की ऐसी कार्रवाई चौंकाने वाली हैं। 

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महिलाओं ने बताई आपबीती

महिलाओं ने कहा कि पुलिस ने हमें बालों से खींचा और साथ ही चुन्नी भी खींची गई। देखिए कैसे महिला अपनी आपबीती बताती नज़र आई। इस दरिंदगी में एक महिला बेहोश भी हो गई। जिसे पानी डालकर भी उठाने की कोशिश की गई लेकिन महिला की हालत काफी खराब नज़र आई। 

प्रसाशन की संवादहीनता पर उठे सवाल

इन शिक्षकों का कहना है कि सरकार की बेरुखी और संवादहीनता ने उनकी आजीविका को संकट में डाल दिया है। विरोध प्रदर्शन के दौरान पुरुष शिक्षकों ने सामूहिक रूप से सिर मुंडवाकर और महिला शिक्षकों ने अपने बाल दान कर सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने की कोशिश की। साथ ही प्रदर्शन स्थल पर सद्बुद्धि हवन का आयोजन किया गया, ताकि सरकार की संवेदनहीनता को जगाया जा सके। 

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छत्तीसगढ़ में महिला शिक्षकों पर हुए इस अत्याचार ने एक बार फिर प्रशासन की संवेदनहीनता को उजागर कर दिया है। अब सवाल ये उठता है कि लोकतंत्र में अपनी मांगों को शांतिपूर्ण तरीके से रखने वाली महिलाओं के साथ इस तरह का व्यवहार किया जाना कितना उचित है। 

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