भाजपा ने दिल्ली जल बोर्ड मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया

डीएन ब्यूरो

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बृहस्पतिवार को दिल्ली जल बोर्ड के मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। पढ़िए डाईनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

जल बोर्ड मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया
जल बोर्ड मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया


नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बृहस्पतिवार को दिल्ली जल बोर्ड के मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि जल बोर्ड, सीवरेज शोधन संयंत्रों (एसटीपी) के उन्नयन के लिए फर्जी निविदाएं जारी कर ‘‘घोटाला’’ कर रहा है।

दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने पलटवार करते हुए भाजपा के विरोध प्रदर्शन को ‘‘राजनीतिक नाटक’’ करार दिया।

आप ने एक बयान में कहा, ‘‘हर दिन वे एक नए घोटाले का आरोप लगाते हैं, लेकिन वे किसी भी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते हैं, जबकि केंद्र में उनकी सरकार के पास सभी शक्तियां हैं। हर कोई जानता है कि दिल्ली में नौकरशाही भाजपा शासित केंद्र को रिपोर्ट करती है। उनके पास किसी भी अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की शक्तियां हैं।’’

भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि जल बोर्ड का ‘‘घोटाला’’ केजरीवाल सरकार के ‘‘शराब घोटाले’’ से भी बड़ा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि जल बोर्ड में ऐसे कई मामले हैं, जिनमें निविदाएं जारी की गईं, भुगतान भी किया गया, लेकिन कोई काम नहीं किया गया।

सचदेवा ने दावा किया, ‘‘सीवरेज शोधन संयंत्रों की 1,200 करोड़ रुपये की निविदा को 1,546 करोड़ रुपये में जारी की गई और बाद में इसे बढ़ाकर 1,938 करोड़ रुपये बढ़ा दिया। एक पखवाड़ा पहले हमने दस्तावेजों के आधार पर जल बोर्ड में 3,753 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था और आज भी हम इस पर कायम हैं।’’

नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कथित भ्रष्टाचार की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की।

आप ने भाजपा पर ‘‘भ्रष्ट अधिकारियों’’ को बचाने का आरोप लगाया।

डाईनामाइट न्यूज़ संवादाता के अनुसार आप ने दावा किया, ‘‘अब तक भाजपा दिल्ली सरकार के सभी भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने के पक्ष में रही है। दिल्ली सरकार ने स्वयं जल बोर्ड और वित्त विभाग से अब तक प्राप्त शिकायतों के आधार पर दोषी अधिकारियों की पहचान करने को कहा है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है।’’

इसमें कहा गया कि निविदा प्रक्रिया में मंत्रियों की कोई भूमिका नहीं होती है। इस प्रक्रिया को संबंधित अधिकारी ही नियंत्रित करते हैं।










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