महराजगंज: बिना अनुमोदन लाखों के भुगतान को लेकर सेक्रेटरी सस्पेंड मामले में आया नया मोड़, ये अफसर भी राडार पर, जानिये ताजा अपडेट

डीएन संवाददाता

महराजगंज जनपद में मिठाैरा ब्लॉक के चार गांवों में बिना अनुमोदन के विकास कार्यों का 7.35 लाख भुगतान के मामले ग्राम विकास अधिकारी के निलंबन के मामले के नया मोड़ आया है।। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

विकास भवन (फ़ाइल)
विकास भवन (फ़ाइल)


 महराजगंज: फर्जीवाड़ा करके चार गावों से लाखों का भुगतान करने वाले मिठौरा ब्लॉक में तैनात तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी (सेक्रेटरी) आशुतोष जायसवाल निलंबित करके विभाग ने अपना पल्ला झाड़ लिया था लेकिन अब इस मामले में एडीओ पंचायत पर भी कार्यवाही की तलवार लटकती दिख रही है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मिठाैरा ब्लाक के चार गांवों में बिना अनुमोदन के विकास कार्यों का 7.35 लाख भुगतान के मामले ग्राम विकास अधिकारी के निलंबन के नया मोड़ आया है। जिला पंचायत राज अधिकारी यावर अब्बास ने मामले में भुगतान के लिए आनलाइन भुगतान प्रणाली (डोंगल) सत्यापित करने वाले एडीओ पंचायत सुरेश कन्नौजिया को भी नोटिस जारी कर तीन दिनों के भीतर जवाब मांगा है। 

नियम है कि जब भी किसी एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में किसी ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत अधिकारी का स्थानांतरण होता है, तो संबंधित के पुराने अधिकार समाप्त हो जाते हैं, जबकि नए कार्यक्षेत्र का अधिकार जिलाधिकारी के अनुमोदन के बाद मिलता है।

इस अनुमोदन के बाद ही संबंधित ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी और सहायक विकास अधिकारी पंचायत की संस्तुति पर जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा आनलाइन भुगतान प्रणाली की मैंपिंग संबंधित ग्राम पंचायत में सत्यापित की जाती हैं और इसके बाद संबंधित सचिव अपने नए कार्य एवं उसके भुगतान कार्यक्रम को पूरा करते हैं।

लेकिन पिछले दिनों मिठौरा ब्लॉक में बिना अनुमोदन हुए ही मिठौरा ब्लॉक के कोहड़वल कलस्टर में तैनात हुए नए ग्राम विकास अधिकारी आशुतोष जायसवाल के डोंगल से चार ग्राम पंचायतों में औराटार गांव में 155870 रुपये, देउरवा गांव में 296196, कोहड़वल गांव में 105700 और पचमां गांव में 177270 रुपये भुगतान कर दिया गया था। जिसके बाद इस मामले में शिकायत हुई और शिकायत मिलते ही तत्काल प्रभाव से जिला विकास अधिकारी राकेश पांडेय ने आशुतोष जायसवाल को निलंबित कर दिया।

लेकिन भुगतान के लिए डोंगल सत्यापित करने वाले एडीओ पंचायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। जिला पंचायत राज अधिकारी यावर अब्बास ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि मामले में एडीओ पंचायत सुरेश कन्नौजिया को नोटिस जारी किया गया हैं, कि आखिर बिना अनुमोदन के किन परिस्थितियों में उनके द्वारा सचिव का डोंगल सत्यापित किया गया है।

लाखों का गोल-माल

मिठौरा ब्लॉक में जो अवैध तरीके से सेक्रेटरी द्वारा भुगतान का मामला सामने आया है, ऐसा मामला कई ब्लाकों में देखने को मिल रहा है।डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार डीपीआरओ कार्यालय में लंबे समय तक कलस्टर अनुमोदन की फाइलें लटकती रहती है। कलस्टर अनुमोदन के नाम पर ब्लाकों में लाखों लाख की वसूली की जाती है। बड़ा सवाल यह है कि आखिर में यह रुपए किसको पहुंचाए गए।










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