मुंबई 26/11 हमले के मामले में बड़ा अपडेट, तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

डीएन ब्यूरो

मुंबई में 26/11 के आतंकी हमलों के मामले में विशेष सरकारी अभियोजक उज्ज्वल निकम ने बृहस्पतिवार को कहा कि आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी अदालत की मंजूरी देश के लिए बड़ी सफलता है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

विशेष सरकारी अभियोजक उज्ज्वल निकम
विशेष सरकारी अभियोजक उज्ज्वल निकम


मुंबई: मुंबई में 26/11 के आतंकी हमलों के मामले में विशेष सरकारी अभियोजक उज्ज्वल निकम ने बृहस्पतिवार को कहा कि आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी अदालत की मंजूरी देश के लिए बड़ी सफलता है।

भारत ने 10 जून, 2020 को प्रत्यर्पण की दृष्टि से 62 वर्षीय राणा की अस्थायी गिरफ्तारी की मांग करते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। अमेरिका के जो बाइडन प्रशासन ने पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी राणा के भारत प्रत्यर्पण का समर्थन किया था और उसे मंजूरी दी थी।

26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई आतंकी हमलों में छह अमेरिकियों सहित कुल 166 लोग मारे गए थे। इन हमलों को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अंजाम दिया था। ये हमले मुंबई के प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण स्थानों पर 60 घंटे से अधिक समय तक जारी रहे थे।

इन हमलों में अजमल कसाब नाम का आतंकवादी जीवित पकड़ा गया था जिसे 21 नवंबर 2012 को भारत में फांसी की सजा दी गई थी। शेष आतंकवादियों को हमलों के दौरान भारतीय सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया था।

भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि है। न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि राणा का भारत प्रत्यर्पण पूरी तरह से संधि के अधिकार क्षेत्र में है।

कैलिफोर्निया की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जैकलीन चूलजियान ने बुधवार को 48 पन्नों का आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत राणा को भारत प्रत्यर्पित करना चाहिए।

आदेश में कहा गया है, ‘‘अदालत ने इस अनुरोध के समर्थन और विरोध में प्रस्तुत सभी दस्तावेजों की समीक्षा की है और उन पर विचार किया है और सुनवाई में प्रस्तुत दलीलों पर विचार किया है। इस तरह की समीक्षा और विचार के आधार पर और यहां चर्चा किए गए कारणों के आधार पर, अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची है और अमेरिका के विदेश मंत्री को प्रत्यर्पण की कार्रवाई के लिए अधिकृत करती है।’’

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार निकम ने  कहा कि अमेरिका में राणा के खिलाफ मजबूत साक्ष्य जुटाने के बाद यह भारत को मिली बड़ी सफलता है।

उन्होंने कहा कि इससे पहले अमेरिकी अदालतें तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण की दिशा में अनिच्छा दिखा रही थीं। उन्होंने कहा कि राणा 26/11 के हमलों के साजिशकर्ताओं में से एक है।

निकम ने कहा, ‘‘उसकी भूमिका को डेविड हेडली (लश्कर-ए-तैयबा का ओहदेदार) ने खुलकर बताया था। मैंने हेडली की गवाही (मुंबई की विशेष अदालत में) के दौरान उससे पूछताछ की थी।’’

इस मामले में सरकारी गवाह बन गये हेडली ने सुनवाई के दौरान अमेरिका से एक वीडियो-लिंक के माध्यम से मुंबई की सत्र अदालत के समक्ष गवाही दी थी।










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