बस्ती: जांच में झूठा निकला कोरोना के संदिग्ध मरीज आकाश गुप्ता का वायरल वीडियो

डीएन ब्यूरो

देश भर में कोरोना के प्रकोप के बीच प्रशासनिक कर्मचारियों से लेकर स्वास्थ्य कर्मी विपरित हालात में पीड़ितों की सेवा कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे हैं जो यह समझने को तैयार नहीं कि कैसे इन विपरित हालात में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ सहयोग कर कैसे इस विपदा से निपटा जाय। बस्ती में एक संदिग्ध मरीज के द्वारा किये गये वायरल वीडियो की असलियत डाइनामाइट न्यूज़ पर..



बस्ती: बात बीते शुक्रवार की है। आकाश गुप्ता नाम के एक नवयुवक ने फेसबुक पर अपना लाइव वीडियो प्रसारित कर आरोप लगाया कि उसकी सांस फूल रही है। उसे बुखार है और परेशानी हो रही है, लेकिन कोई भी स्टॉफ उसका इलाज नहीं कर रहा है। सभी कमरा बंद कर सो गए हैं। यदि इलाज नहीं किया गया तो वह वार्ड से भाग जाएगा। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक आकाश होली के अवसर पर में दिल्ली से अपने घर आया था।15 मार्च को वह वापस दिल्ली चला गया, तबीयत खराब होने पर 28 मार्च को लखनऊ के केजीएमयू गया। वहां उसे शुरुआती दवा आदि दी गई। फिर आकाश 29 मार्च को अपने घर बस्ती पहुंचा। बाद में 30 मार्च को जिला अस्पताल में उसने अपना इलाज करवाया। फिर दो अप्रैल को सांस लेने में परेशानी, बेचैनी और बुखार होने पर उसे ओपेक चिकित्सालय कैली में भर्ती कराया गया और इसका सैंपल जांच के लिए भेज दिया गया। 

 

इसके अगले दिन वह अस्पताल की सुविधाओं से नाराज हो उठा और फेसबुक पर अपना लाइव वीडियो प्रसारित कर अस्पताल प्रबंधन पर तरह-तरह के आरोप लगा दिया। कुछ लोगों ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। इसके बाद यह वायरल हो गया, लोगों को लगा कि वाकई यूपी में कोरोना के संदिग्ध मरीजों के साथ ठीक व्यवहार नहीं हो रहा है। 

मामला मीडिया में उठने के बाद बस्ती के डीएम आशुतोष निरंजन ने इसकी जांच करायी जिसमें युवक का आरोप झूठा निकला। डीएम के मुताबिक युवक की काउन्सिलिंग कर दी गई है। युवक के पिता का कहना है कि कोरोना का संदेह होने के चलते उसे घर में ही क्वारंटीन करके रखा गया था लेकिन हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 

अब इस युवक ने एक औऱ वीडियो जारी कर अपने व्यवहार के लिए माफी मांगी है और कहा है कि वह अपने इलाज से पूरी तरह संतुष्ट है। 

इधर बस्ती के कमिश्नर अनिल कुमार सागर ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि सारे हालात पर उनकी नजर है। जिलाधिकारी बस्ती की जांच में युवक के वायरल वीडियो में लगाये गये आरोप निराधार पाये गये हैं।










संबंधित समाचार