Bajrang Dal: स्कूल में लगाया हथियार प्रशिक्षण का शिविर, बजरंग दल कार्यकर्ता के खिलाफ केस दर्ज, जानिये पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

असम पुलिस ने दरांग जिले के एक स्कूल में हथियार प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने के आरोप में बजरंग दल कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

बजरंग दल शिविर आयोजकों पर मामला दर्ज
बजरंग दल शिविर आयोजकों पर मामला दर्ज


गुवाहाटी: असम पुलिस ने दरांग जिले के एक स्कूल में हथियार प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने के आरोप में बजरंग दल कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मंगलदाई पुलिस थाने में बजरंग दल कार्यकर्ताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153ए/34 (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सद्भाव बनाए रखने के प्रतिकूल कार्य करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

दरांग पुलिस ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘महर्षि विद्या मंदिर, मंगलदाई में राष्ट्रीय बजरंग दल द्वारा आयोजित प्रशिक्षण शिविर से संबंधित वीडियो के संदर्भ में आईपीसी के तहत मंगलदाई पुलिस थाने में मुकदमा संख्या 357 यू/एस 153 ए/34 दर्ज किया गया है।’’

हथियारों के प्रशिक्षिण शिविर का कथित वीडियो सोमवार को सार्वजनिक हुआ था, जिसके बाद असम के पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने दरांग जिले के पुलिस अधीक्षक को मामला दर्ज करने और शिविर में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।

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बजरंग दल ने कहा कि दरांग के मोरनोई गांव में आयोजित शिविर में 350 युवाओं को बंदूक चलाने और मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण देने के अलावा कला, राजनीति एवं आध्यात्मिकता का पाठ पढ़ाया गया।

बजरंग दल के प्रवक्ता ने दावा किया कि “पड़ोसी देशों से आए अवैध अप्रवासियों से होने वाले सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए ऐसे शिविर नियमित अंतराल पर आयोजित किए जाते हैं।”

कांग्रेस विधायक दल के नेता देबब्रत सैकिया ने सोमवार को मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा को लिखे एक पत्र में आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई करने और शिविर आयोजित करने की अनुमति देने में जिला प्रशासन की भूमिका की जांच कराने की मांग की थी।

सैकिया ने कहा था, ‘‘पहले भी इस तरह के शिविर आयोजित होते रहे हैं। 2017 में भी बजरंग दल ने एक शिविर का आयोजन किया था, जहां हथियारों का प्रशिक्षण दिया गया था और कांग्रेस ने इसका भी विरोध किया था। 2019 में फिर विभिन्न स्थानों पर इसी तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए।’’

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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने इस बात की जांच की मांग की कि बजरंग दल के सदस्य खुलेआम हथियारों का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं।

वाम दल ने इसे ‘‘राज्य में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की साजिश’’ बताया।

माकपा के राज्य सचिव सुप्रकाश तालुकदार ने एक बयान में कहा कि ये घटनाएं ‘‘राज्य में शांति और सद्भाव के लिए खतरा होने के साथ ही गंभीर चिंता का विषय हैं।’’

तालुकदार ने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा के सत्ता में आने के बाद से ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं और मुख्यमंत्री बजरंग दल की ऐसी गतिविधियों पर खामोश हैं।’’










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