अवुलपल्ली जलाशय: न्यायालय ने आंध्र प्रदेश पर 100 करोड़ रुपये के जुर्माने के आदेश पर रोक लगाई

डीएन ब्यूरो

तम न्यायालय ने पर्यावरण संबंधी नियमों का उल्लंघन कर अवुलपल्ली जलाशय परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी हासिल करने के मामले में आंध्र प्रदेश पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश पर रोक लगा दी है।

न्यायालय (फाइल)
न्यायालय (फाइल)


नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने पर्यावरण संबंधी नियमों का उल्लंघन कर अवुलपल्ली जलाशय परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी हासिल करने के मामले में आंध्र प्रदेश पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश पर रोक लगा दी है।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि यह आठ सप्ताह की अवधि के भीतर राज्य सरकार द्वारा अधिकारियों के पास 25 करोड़ रुपये जमा कराए जाने के अधीन होगा।

पीठ ने कहा, ‘‘नोटिस जारी किया जाए, अक्टूबर 2023 में जवाब दिया जाए। इस बीच, दंड/मुआवजे के संबंध में दिए गए आदेश पर रोक रहेगी जो अपीलकर्ताओं द्वारा आठ सप्ताह की अवधि के भीतर अधिकारियों के पास 25 करोड़ रुपये की राशि जमा कराए जाने के अधीन होगा।’’

शीर्ष अदालत ने कहा कि जमा राशि वर्तमान अपील के परिणाम के अधीन होगी।

उच्चतम न्यायालय आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही था। इसमें एनजीटी के एक उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें राज्य में अवुलपल्ली जलाशय के लिए दी गई पर्यावरण मंजूरी को रद्द कर दिया गया था।

एनजीटी ने 11 मई को अवुलपल्ली जलाशय के निर्माण के लिए राज्यस्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (एसईआईएए) द्वारा दी गई पर्यावरण मंजूरी को रद्द कर दिया था।

एसईआईएए द्वारा दी गई पर्यावरण मंजूरी को चुनौती देने वाली किसानों की याचिका पर हरित अधिकरण ने आदेश पारित किया था। एनजीटी ने 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था।

 










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