Artificial Rainfall: दिल्ली में कृत्रिम बारिश की तैयारी में आतिशी सरकार
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कार्यभार संभालते ही दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए एक्शन प्लान बनाया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: देश की राजधानी में दिल्ली (Delhi) में प्रदूषण (Pollution) की समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। इस भीषण समस्या के मद्देनजर दिल्ली की सीएम आतिशी (CM Atishi) और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए विंटर एक्शन प्लान का ऐलान कर दिया है। दिल्ली सरकार कृत्रिम बारिश (Artificial Rain)और ऑड-इवन (Odd-Even) की तैयारियों में जुट गई है।
मंत्री गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण के हॉटस्पॉट इलाकों की ड्रोन के जरिए रियल-टाइम निगरानी की जाएगी। राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण की निगरानी के लिए पर्यावरण मंत्रालय, परिवहन मंत्रालय, दिल्ली नगर निगम और लोक निर्माण विभाग के कर्मियों सहित 86 सदस्यों वाली एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।
यह भी पढ़ें |
आतिशी का दावा, दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने वाली है केंद्र सरकार
नवंबर को कराई जा सकती है बारिश
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि उन्होंने 1 से 30 नवंबर के बीच कृत्रिम बारिश करने की बात की है। उन्होंने कहा कि हमने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखकर सर्दियों के दौरान कृत्रिम बारिश कराने की अनुमति मांगी है। जब दिवाली के बाद और पराली जलाने के कारण प्रदूषण का स्तर चरम पर होने की उम्मीद है।"
क्या होती है कृत्रिम बारिश
कृत्रिम तरीके से बारिश करने के लिए क्लाउड सीडिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए आसमान में पर्याप्त मात्रा में बादल होने जरूरी होते हैं। इन बादलों के बीच से एयरप्लेंस को गुजार जाता है जिनसे सिल्वर आयोडाइड, ड्राई आइस और क्लोराइड छोड़े जाते हैं। इससे बादलों में पानी की बूंदें एक साथ होने लगती है और फिर तुरंत बारिश के रूप में धरती पर गिरना शुरू कर देती है।
यह भी पढ़ें |
दिल्ली वासियों के लिए राहत की खबर, पढ़िये प्रदूषण और वायु गुणवत्ता से जुड़ी ये ताजा रिपोर्ट
नियम है कि आसमान से पानी बरसने के बाद धूल और धुंध, पानी के साथ नीचे गिर जाते हैं और आसमान साफ हो जाता है।
गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली की सड़कों पर 7545 पब्लिक ट्रांसपोर्ट बसें चल रही हैं। ईवी नीति (Electric Vehicle Policy) सफल साबित हो रही है। दिल्ली ने अपना थर्मल पावर प्लांट बंद कर दिया है, लेकिन एनसीआर राज्यों में इसी तरह के प्लांट अभी भी चालू हैं।