Article 370 and 35A: आर्टिकल 370 हटने के दो साल पूरे, जानिए इन दो सालों में कितना बदला जम्मू-कश्मीर, खास बातें
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म हुए आज दो साल पूरे हो गए हैं। आज ही के दिन यानी पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निष्प्रभावी कर दिया गया था। जानिए इस दौरान क्या-क्या बदलाव हुए हैं। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ विशेष
नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 और 35 ए खत्म हुए आज दो साल पूरे हो गए हैं। घाटी की आबो हवा इन दो सालों में काफी बदल चुकी है। इस अवधि में जम्मू-कश्मीर से जुड़े कई प्रावधानों में भी बदलाव किया गया है। वहीं आतंकवाद पर काफी हद तक लगाम कसने में सफलता मिली है। अधिकारियों की माने तो राज्य में हालात काफी हद तक बदले हैं।
1. जम्मू-कश्मीर की जमीन पर आर्टिक 370 और 35 ए हटाए जाने के बाद अब घाटी की जमीन पर औद्योगिक विकास दिखने लगा है। व्यापार और रोजगार के अवसर बढ़े हैं। कई क्षेत्रों में निवेश के अवसर बढ़े हैं।
2. केंद्र सरकार ने घाटी से बाहर के लोगों को कश्मीर में गैर-कृषि योग्य जमीन खरीदने की अनुमति दे दी है। पहले सिर्फ जम्मू-कश्मीर के लोग ही ऐसा कर सकते थे।
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जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद पिछले 2 सालों में समाज के अनेक वर्गों को उनका हक मिला है और केंद्र शासित प्रदेश में विकास के नए रास्ते खुले हैं।#NewJammuKashmir pic.twitter.com/gGGLgSNryz
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) August 5, 2021
3. आर्टिकल 370 और 35 ए ( Article 370 and 35A ) हटाए जाने के बाद कई क्षेत्रों में हालात बदले हैं। इनमें पर्यटन, फिल्म पर्यटन, बागवानी, फसल कटाई के बाद का प्रबंधन, कृषि, फूड प्रोसेसिंग, रेशम, स्वास्थ्य, फार्मास्यूटिकल्स, उत्पादन, आइटी, नवीकरणीय ऊर्जा, बुनियादी ढांचा व रियल एस्टेट, हथकरघा व हस्तकला और शिक्षा शामिल हैं।
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4. अनुच्छेद 370 हटने के बाद पत्थरबाजी, आतंकी घंटनाओं में कमी आई है तो अलगाववादी की जमीन भी खिसकी है।
5. अनुच्छेद 370 हटने से आम कश्मीरियों ने देश को अपने और करीब पाया है। आम कश्मीरी लोगों ने पंचायत चुनाव में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और बताया कि वो बुलेट नहीं बैलेट के जरिए अपना भविष्य खुद तय करता है। 2 साल पहले घाटी में जम्हूरियत इंसानियत और कश्मीरीयत का जो बीज बोया गया था, वो अब फलने फूलने लगा है।
6. हाल ही में केंद्र-शासित प्रदेश की सरकार ने आदेश जारी किया कि पत्थरबाजी और दूसरी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों को पासपोर्ट जारी नहीं होंगे। सरकारी नियुक्तियों में सुरक्षा एजेसियां उन्हें हरी झंडी नहीं देंगी।