राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर सेना के कमांडरों ने किया विचार-विमर्श
सेना के शीर्ष कमांडरों ने पांच दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन सोमवार को चीन और पाकिस्तान से लगती सीमाओं पर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों और बल की युद्धक क्षमता बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श शुरू किया।
नयी दिल्ली: सेना के शीर्ष कमांडरों ने पांच दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन सोमवार को चीन और पाकिस्तान से लगती सीमाओं पर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों और बल की युद्धक क्षमता बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श शुरू किया।
अधिकारियों ने कहा कि कमांडरों के सम्मेलन में बल में चल रही सुधार प्रक्रिया और विभिन्न उद्देश्यों के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स तथा वर्चुअल प्रणाली जैसी उच्च तकनीकों के उपयोग पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
पहली बार कमांडरों का सम्मेलन हाइब्रिड प्रारूप में आयोजित किया जा रहा है।
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दिल्ली में मौजूद कमांडर रायसीना हिल्स स्थित साउथ ब्लॉक में इकट्ठा हुए, जबकि कई अन्य वर्चुअल रूप से विचार-विमर्श में शामिल हुए।
अधिकारियों ने डाइनामाइट न्यूज़ से कहा कि कमांडर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मंगलवार से दिल्ली में व्यक्तिगत रूप से विचार-विमर्श करेंगे।
सत्रह से 21 अप्रैल के बीच सम्मेलन के दौरान कमांडरों के पूर्वी लद्दाख में तीन साल से चले आ रहे सीमा गतिरोध के मद्देनजर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर समग्र स्थिति की व्यापक समीक्षा करने की उम्मीद है।
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सेना के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का 19 अप्रैल को सम्मेलन को संबोधित करने का कार्यक्रम है।
वरिष्ठ अधिकारियों को प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी भी संबोधित करेंगे।