क्या आतंकियों के निशाने पर हैं ट्रेनें, पढ़ें यूपी-बिहार समेत इन पांच राज्यों में ही क्यों हो रही घटनाएं

डीएन ब्यूरो

भारत में ट्रेनों को पलटाने के पीछे आतंकी साजिश होने का शक है। एनआईए और एसटीएफ इसकी जांच कर रही है। दोनों एजेंसियां अलग-अलग एंगल से इसकी जांच कर रही है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

ट्रेनों को पलटाने के पीछे आतंकी साजिश है?
ट्रेनों को पलटाने के पीछे आतंकी साजिश है?


नई दिल्ली: पिछले तीन-चार महीने से रेल पटरियों पर भारी वस्तु और गैस सिलेंडर (Cylinder) रखकर ट्रेन (Train) पलटाने की घटनाएं आतंकी षड्यंत्र (Terror plot) की ओर साफ-साफ संकेत कर रही हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार रेलवे (Railway) को भी ऐसा ही संदेह है। इसीलिए कानपुर (Kanpur) के पास सोमवार को कालिंदी एक्सप्रेस (Kalindi Express) की घटना का संदर्भ लेते हुए जांच का जिम्मा एनआईए एवं एसटीएफ को सौंप दिया गया है।

आतंकियों का हाथ होने की संभावना

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साजिशन ट्रेन पलटाने की लगातार कई घटनाओं के बाद आतंकी कनेक्शन के संदेह में रेलवे ने उत्तर प्रदेश जीआरपी को सूचित किया। प्रारंभिक जांच के बाद जीआरपी ने मामले को एनआईए और एसटीएफ के हवाले कर दिया। सूचना है कि एजेंसियां अलग-अलग बिंदुओं से इसकी जांच कर रही हैं। हालांकि, इस मामले में रेलवे द्वारा आधिकारिक रूप से अभी कुछ कहने से परहेज किया जा रहा है, लेकिन अधिकारी यह मानकर चल रहे हैं कि पटरियों पर जो भी घटनाएं हो रही हैं, उनके पीछे आतंकियों का हाथ होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता।

तीन महीने में दो दर्जन घटनाएं

पिछले तीन महीने के दौरान देश के एक खास हिस्से में लगभग दो दर्जन ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें रेल ट्रैक पर गैस सिलेंडर, भारी वस्तु, लकड़ी या लोहे के बड़े टुकड़े रखकर ट्रेनों को पलटाने का षड्यंत्र रचा गया है। ऐसी घटनाएं ज्यादातर उत्तर भारत के कुछ राज्यों में हो रही हैं, जिसकी खबर दैनिक जागरण में पहले ही प्रकाशित हुई थी कि कैसे एक खास हिस्से में रेलवे ट्रैक को नुकसान पहुंचाकर यात्रियों की जान को खतरे में डाला जा रहा है, लेकिन तब रेलवे ने चुप्पी साध रखी थी। हालांकि, कुछ दिन बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सवालों का जवाब देते हुए आतंकी षड्यंत्र की आशंका से इनकार नहीं किया था और कहा था कि पिछले कुछ दिनों से यह ट्रेंड देखा जा रहा है, जो परेशान करने वाला है।

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पांच राज्यों में हो रही अधिक घटनाएं

सामान्य तौर पर ट्रेन दुर्घटनाओं के लिए खराब पटरियां, सिग्नल फेल, लोको पायलट की गलती एवं अन्य तरह की भूल जिम्मेवार होती हैं, लेकिन पिछले करीब तीन माह के दौरान लगभग 85 प्रतिशत से अधिक घटनाएं ट्रेनों के बेपटरी होने की हैं।

रेलवे के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक जून से अभी तक ट्रेनों के बेपटरी होने की 23 बड़ी घटनाओं में ज्यादातर हादसे ट्रैक पर रखी किसी भारी वस्तु या सिलेंडर के चलते हुए हैं। रेलवे को हैरानी इस बात से भी है कि ट्रेन बेपटरी होने की अधिकतर घटनाएं बिहार, झारखंड, ओडिशा, बंगाल एवं उत्तर प्रदेश में ही हो रही हैं। इस बीच सुरक्षित एवं सुगम रेल परिचालन के लिए रेलवे ने आम लोगों को भी आगाह किया है कि निगरानी के लिए पटरियों से गुजरने का अधिकार सिर्फ रेलवे के पास है। ट्रैक पर चलना या वीडियो बनाना घातक है और गैर कानूनी भी।










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