Cricket Buzz: बुमराह बोले- गेंद की चमक बनाये रखने के लिए दूसरे विकल्प की जरुरत
अंतराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना के कारण बनाये गए नए दिशा-निर्देशों को लेकर भारतीय टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने एक खास सलाह दी है। जानिये, क्या बोला यह युवा क्रिकेटर..
नयी दिल्ली: अंतराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण बनाये गए नए दिशा-निर्देशों को लेकर भारतीय टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने कहा है कि गेंद को चमकाने और उसकी चमक बनाये रखने के लिए गेंदबाजों को दूसरे विकल्प की जरुरत है।
How has Jasprit Bumrah perfected his lethal outswinger?
— ICC (@ICC) June 1, 2020
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आईसीसी की तकनीकी समिति ने गेंद को चमकाने के लिए लार पर रोक लगाने की सिफारिश की है जिसके बाद दुनिया भर के तेज गेंदबाजों ने इस सिफारिश पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और अधिकतर तेज गेंदबाजों का मानना है कि इससे तेज गेंदबाजों के हाथों से स्विंग और रिवर्स स्विंग जैसा हथियार निकल जाएगा।
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बुमराह ने आईसीसी के इनसाइड-आउट साक्षात्कार में कहा, “एक ही चीज जो मुझे प्रभावित करती है वो है लार। मुझे नहीं पता जब हम वापस मैदान पर जायेंगे तो कौन-कौन से दिशा-निर्देशों का हमें पालन करना होगा लेकिन मेरा मानना है कि लार के अलावा कोई दूसरा विकल्प होना चाहिए। अगर गेंद सही से नहीं चमकेगी तो गेंदबाजों के लिए बहुत परेशानी होगी।”
When even your captain approves of your run-up ?pic.twitter.com/XXsbmr19GI
— ICC (@ICC) June 1, 2020
उन्होंने कहा, “मैदान और छोटे होता जा रहे हैं और पिच सपाट होती जा रही है इसलिए हमें कुछ तो चाहिए। गेंदबाजों के लिए कोई विकल्प तो होना चाहिए जिससे वे गेंद की चमक को बनाये रख सकें जिससे गेंद रिवर्स या पारंपरिक स्विंग तो हो सके। टेस्ट मुकाबलों में परिस्थिति गेंदबाजों के अनुकूल होती है इसलिए यह मेरा पसंदीदा प्रारूप हैं। लेकिन वनडे क्रिकेट में दो नयी गेंद मिलती है इसलिए अंतिम ओवरों में गेंद रिवर्स स्विंग होती ही नहीं है।”
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बुमराह ने विकेट लेने के बाद खिलाड़ियों के एक-दूसरे को ताली न देने पर अपनी सलाह देते हुए कहा, “विकेट लेने के बाद मैं बहुत अधिक उत्साहित नहीं होता हूं और मैं ताली देने (हाई फाइव) वाला इंसान भी नहीं हूं इसलिए मुझे एक-दूसरे को ताली देने पर प्रतिबन्ध लगाए जाने से खास परेशानी नहीं हैं।”
छोटे मैदानों को लेकर उन्होंने कहा कि भारतीय टीम इस वर्ष के शुरू में न्यूज़ीलैंड में खेली थी और वहां मैदान की बॉउंड्री 50 मीटर के आसपास होती है। इसलिए अगर कोई बल्लेबाज छक्का मारने की सोच भी नहीं रहा है तो वो मैदान इतना छोटा है कि गेंद छक्के के लिए जा सकती है। (वार्ता)