Covid-19 in UP: हाई कोर्ट ने मांगा कोरोना टेस्टिंग का ब्यौरा, हर जिले में कोविड शिकायत केंद्र खोलने के आदेश

डीएन संवाददाता

उत्तर प्रदेश के शहरों के बाद गांवों और छोटे कस्बों में बढते कोरोना मामलों पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी गहरी चिंता जतायी है। कोर्ट ने दो दिन में हर जिले में कोविड शिकायत केंद्र खोलने के आदेश दिये हैं। पढिये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

कोर्ट ने सरकार से मांगा टेस्टिंग का ब्यौरा (सांकेतिक फोटो)
कोर्ट ने सरकार से मांगा टेस्टिंग का ब्यौरा (सांकेतिक फोटो)


प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बड़े शहरों के बाद अब ग्रामीण कस्बों और छोटे शहरों में कोरोना का खतरा गहराने लगा है। गांवों में इलाज और टेस्टिंग की व्यवस्थाएं न होने से स्थित बेहद चिंताजनक है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी आज कोरोना मामले को लेकर हुई सुनवाई के दौरान बढ़ते संक्रमण को लेकर गहरी चिंता जतायी।

कोर्ट ने सरकार से टेस्टिंग का ब्यौरा मांगा और उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों समेत प्रत्येक जनपद में अगले 24 घंटों में कोविड-19 शिकायत केंद्र खोलने के आदेश दिये, ताकि हर व्यक्ति को इलाज और टेस्टिंग की सुविधा मिल सके। मामले की अगली सुनवाई अब 17 मई को होगी।

कोविड 19 महामारी की रोकथाम और इंतजामों की निगरानी कर रही न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की पीठ ने सुनवाई के दौरान ग्रामीण इलाकों और छोटे शहरों व कस्बों में कोरोना संक्रमण के फैलने पर चिंता जताते हुए कहा कि सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में अभी भी कोरोना से पीड़ित मरीजों के उपचार की सुविधाएं नहीं हैं। लोग इलाज के अभाव में मर रहे हैं।

कोर्ट ने राज्य सरकार कोराना पीड़ित मरीजों को जीवन रक्षक दवाएं और सही इलाज न मिलने की शिकायतों की जांच के लिए कोर्ट ने 48 घंटे के भीतर हर जिले में कोविड शिकायत प्रकोष्ठ खोलने के आदेश दिए हैं। इसमें मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्तर का न्यायिक अधिकारी, मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर व एडीएम रैंक के एक प्रशासनिक अधिकारी इस कमेटी के सदस्य होंगे। 

कोर्ट ने स्वास्थ्य सुविधाओं और कोरोना से लड़ने के लिए आवश्यक जीवन रक्षक सुविधाओं का ब्यौरा अगली तारीख पर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में की गई टेस्टिंग का भी रिकॉर्ड तलब किया है।










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