अजमेर: गैंगरेप पीड़ित छात्रा का स्कूल से काटा नाम, परीक्षा देने से भी रोका
राजस्थान के अजमेर में मानवता को शर्मशार करने वाला मामला सामने आया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
अजमेर: राजस्थान के अजमेर में शुक्रवार को नाबालिक गैंगरेप पीड़िता को स्कूल प्रशासन की ओर से परेशान करने का मामला प्रकाश में आया है। जानकारी के अनुसार, नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता के साथ अक्टूबर में सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। उसके कुछ समय बाद वह स्कूल गई, तो उसे स्कूल प्रशासन ने यह कहकर वापस भेज दिया कि छात्रा के अभी स्कूल आने से बदनामी होगी इसलिए दिसंबर में आना।
यह भी पढ़ें: ट्यूशन पढ़ने गई नाबालिक बच्ची के साथ अध्यापक ने किया दुष्कर्म
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार जब पीड़िता दिसंबर में स्कूल पहुंची, तो उसे बताया गया कि उसका नाम नाम काट दिया है। इसके बाद बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए उसको प्रवेश पत्र तक नहीं दिया गया। अपने साथ हुई इस दोहरे अन्याय से आहत पीड़िता ने बाल कल्याण समिति को इस संबंध में पत्र लिखा, जिसके बाद यह घटना सामने आई है।
यह भी पढ़ें: दुष्कर्म पीड़िता ने बच्चे को दिया जन्म तो पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, जानिये पूरा मामला
यह भी पढ़ें |
Agnipath Scheme: अग्निपथ योजना के विरोध में अजमेर में कांग्रेसियों का प्रदर्शन
पीड़िता के साथ पिछले साल अक्टूबर में सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई थी। इसके बाद गूगल थाने में मुकदमा भी दर्ज हो गया था।
बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष अंजलि शर्मा ने बताया कि घटना के बाद पीड़िता जब स्कूल में नियमित अध्ययन के लिए पहुंची, तो वहां टीचर्स ने उसे स्कूल आने से यह कहते हुए मना कर दिया कि उसके स्कूल आने से माहौल खराब होगा। तब स्कूल की तरफ से कहा गया था कि बेहतर यह होगा कि वह अभी स्कूल न आए। परीक्षा के समय उसे बुला लिया जाएगा।
4 महीने बाद जब बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने को थी, तब पीड़िता को बोर्ड परीक्षा का प्रवेश पत्र भी स्कूल प्रशासन की ओर से नहीं दिया गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अंजली शर्मा ने तुरंत मामले को संज्ञान में लिया और जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर स्कूल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा। साथ ही पीड़ित छात्रा का शैक्षणिक सत्र खराब न हो, इसके लिए भी कहा है।
यह भी पढ़ें |
राजस्थान : अजमेर में सात बदमाश गिरफ्तार, 28 लाख रुपये की नकदी जब्त, जानिए पूरा मामला
पत्र की एक कॉपी जिला कलेक्टर को भी सौंप गई है। साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से भी बाल कल्याण समिति बातचीत कर रही है और पीड़िता को विधिक मदद उपलब्ध करवाई जा रही है।
हालांकि बोर्ड की परीक्षाएं समाप्त हो गई है, लेकिन बाल कल्याण समिति प्रयास कर रही है कि बोर्ड की सप्लीमेंट्री परीक्षाओं के दौरान पीड़िता को बैठने की अनुमति मिल सके।