अजित पवार का गुट ही असली NCP, जानिए चुनाव आयोग ने किस आधार पर दिया फैसला

डीएन ब्यूरो

निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को घोषणा की है कि अजित पवार गुट ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) है। चुनाव निकाय का यह निर्णय पार्टी संस्थापक शरद पवार के लिए एक बड़ा झटका है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

निर्वाचन आयोग
निर्वाचन आयोग


नयी दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को घोषणा की है कि अजित पवार गुट ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) है। चुनाव निकाय का यह निर्णय पार्टी संस्थापक शरद पवार के लिए एक बड़ा झटका है।

आयोग ने एक आदेश में अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह को राकांपा का चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ भी आवंटित कर दिया।

यह भी पढ़ें: निर्वाचन आयोग के फैसले पर शरद पवार गुट ने कही ये बात, जानिए पूरा अपडेट 

चुनाव निकाय ने कहा कि निर्णय में ऐसी याचिका की पोषणीयता के निर्धारित पहलुओं का पालन किया गया, जिसमें पार्टी संविधान के उद्देश्यों का परीक्षण, पार्टी संविधान का परीक्षण और संगठनात्मक तथा विधायी दोनों में बहुमत के परीक्षण शामिल थे।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार अजित पवार ने 'एक्स' पर कहा, ''हमारे वकीलों द्वारा प्रस्तुत पक्ष को सुनने के बाद निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए फैसले को हम विनम्रतापूर्वक स्वीकार करते हैं।''

यह भी पढ़ें: अजित पवार गुट का निर्णय कानूनी है: सांसद तटकरे 

शरद पवार गुट ने निर्वाचन आयोग के फैसले को लोकतंत्र की हत्या करार दिया। इस गुट के नेता अनिल देशमुख ने कहा, 'यह लोकतंत्र की हत्या है। जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है।'

इसके साथ ही शरद पवार गुट की नेता सुप्रिया सुले ने कहा, ‘‘हम स्पष्ट रूप से दो काम कर रहे हैं। सबसे पहले, हम अगले 48 घंटों में उच्चतम न्यायालय जा रहे हैं। दूसरा, निर्वाचन आयोग ने हमें कल शाम तक तीन नाम और तीन चुनाव चिह्न देने का विकल्प दिया है, तो हम निश्चित रूप से ऐसा करेंगे।’’

अजित पवार का साथ दे रहे राकांपा के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा, ‘‘हम इस बात पर संतोष व्यक्त करते हैं कि मामला अब सुलझ गया है। निर्वाचन आयोग ने एक विस्तृत आदेश जारी किया है। अब कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।’’

अजित पवार पिछले साल जुलाई में राकांपा के अधिकतर विधायकों के साथ अलग हो गए थे और उन्होंने महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली भाजपा-शिवसेना सरकार का समर्थन किया था।

आठ अन्य विधायकों के शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने से दो दिन पहले उन्होंने निर्वाचन आयोग में याचिका दायर की थी।

निर्वाचन आयोग का यह फैसला चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले आया है। चूंकि यह एक अर्ध न्यायिक आदेश है, इसलिए इस पर आयोग के तीनों सदस्यों के हस्ताक्षर होने चाहिए।

आयोग ने आगामी राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर विशेष छूट देते हुए शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट को अपने राजनीतिक दल के लिए एक नाम का दावा करने और तीन प्राथमिकताएं प्रदान करने के लिए बुधवार दोपहर तक का समय दिया।

चुनाव निकाय ने 140 पेज के आदेश में कहा कि इस आयोग का मानना ​​​​है कि अजित पवार के नेतृत्व वाला गुट राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) है और वह इसका नाम तथा चुनाव चिह्न 'घड़ी' का उपयोग करने का हकदार है।










संबंधित समाचार