कृषि वैज्ञानिकों ने पोषक तत्वों से भरपूर फसलों को बढ़ावा देने का आग्रह किया

डीएन ब्यूरो

नई दिल्ली स्थित पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (पीपीवी एंड एफआरए) के अध्यक्ष त्रिलोचन महापात्रा ने कृषि वैज्ञानिकों से बायो-फोर्टिफाइड (पोषक तत्वों से भरपूर) फसलों को मुख्यधारा में लाकर देश में पोषण साक्षरता को बढ़ावा देने का आह्वान किया है।

कृषि वैज्ञानिक (फाइल)
कृषि वैज्ञानिक (फाइल)


कटक: नई दिल्ली स्थित पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (पीपीवी एंड एफआरए) के अध्यक्ष त्रिलोचन महापात्रा ने कृषि वैज्ञानिकों से बायो-फोर्टिफाइड (पोषक तत्वों से भरपूर) फसलों को मुख्यधारा में लाकर देश में पोषण साक्षरता को बढ़ावा देने का आह्वान किया है।

उन्होंने एक विस्तृत खाद्य योजना की आवश्यकता पर बल दिया, जो कुपोषण, पर्याप्त बीज उत्पादन और किसानों को मूल्य लाभ के मुद्दे को संबोधित करे।

कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा निदेशालय (डीएआरई) के पूर्व प्रमुख और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के पूर्व महानिदेशक महापात्रा ने रविवार को यहां राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (एनआरआरआई) में पहले के. रमैया स्थापना दिवस व्याख्यान के अवसर पर यह बात कही।

उन्होंने कहा कि वैश्विक खाद्य प्रणाली को वर्तमान में तीन 'सी' से चुनौती मिल रही है : क्लाइमेट चेंज (जलवायु परिवर्तन), कोविड-19 महामारी और कॉन्फ्लिक्ट (संघर्ष)।

महापात्रा ने कृषि वैज्ञानिकों, किसानों, नीति निर्माताओं और मीडिया कर्मियों के लिए प्राथमिकताओं की व्याख्या की और कहा कि एक स्थायी खाद्य प्रणाली में सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय विचार शामिल हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, हम विश्व स्तर पर स्थायी खाद्य प्रणाली को लेकर अक्सर परेशान नहीं होते हैं।’’

महापात्रा ने वैश्विक भूख सूचकांक (जीएचआई) पर बात करते हुए कहा कि जीएचआई के चार प्रमुख संकेतक अल्पपोषण, बच्चों में बौनापन, उनकी काठी लंबाई के अनुपात में न होना और बाल मृत्यु दर हैं।

एनआरआरआई ने इस अवसर पर उद्यमियों के साथ दो समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर भी किए।










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