Mann Ki Baat: 'मन की बात' ने लगाई सेंचुरी, जानिये 100वें संस्करण के प्रसारण पर PM मोदी के संबोधन की खास बातें

डीएन ब्यूरो

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 100वें एपिसोड का आज प्रसारण किया जा रहा है। जानिये पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें

पीएम मोदी ने किया मन की बात के 100वें संस्करण को संबोधित
पीएम मोदी ने किया मन की बात के 100वें संस्करण को संबोधित


नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 100वें संस्करण के जरिये देश वासियों से बातचीत की। इस मौके पर पीएम मोदी ने मन की बात की यात्रा, इसकी शुरूआत और उद्देश्यों के बारे में भी विस्तार से भी बताया। 'मन की बात' के 100वें संस्करण के लाइव प्रसारण के लिए देशभर में बूथ स्तर पर चार लाख सेंटर बनाए गए, जहां रेडियो कार्यक्रम को प्रसारित किया गया।

डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिये पीएम मोदी के मन की बात के संबोधन की खास बातें।

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1)    मेरे लिए मन की बात महज एक कार्यक्रम नहीं, आस्था, पूजा, व्रत है। जैसे लोग ईश्वर की पूजा करने जाते हैं। प्रसाद की थाल लाते हैं. मेरे लिए मन की बात ईश्वर रूपी जनता जनार्दन के चरणों में प्रसाद की थाल की तरह है.।
2)    मन की बात मेरे मन की आध्यात्मिक यात्रा बन गया है। 'मन की बात' स्व से समष्टि की यात्रा है। अहं से वयं की यात्रा है। ये मैं नहीं तू ही संस्कार साधना है।
3)     'मन की बात' की रिकॉर्डिंग के समय कई बार भावुक भी हुआ। इसकी वजह से कई बार दोबारा रिकॉर्डिंग की गई।
4)     अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा के साथ जब 'मन की बात' की तो इसकी चर्चा पूरे विश्व में हुई थी। 'मन की बात' मेरे लिए दूसरे के गुणों को पूजा करने की तरह रहा है। मेरे लिए ये कार्यक्रम दूसरे के गुणों से सीखने का बड़ा माध्यम बन गया है।
5)    'मन की बात' एक जन आंदोलन बन गया है। चाहे बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम हो, स्वच्छता आंदोलन हो, खादी प्रेम हो या फिर प्रकृति की बात या आजादी का अमृत महोत्सव हो, जो भी 'मन की बात' कार्यक्रम से जुड़ा, वह जन आंदोलन बन गया।
6)    जब मैं गुजरात का सीएम था, वहां लोगों से मिलना जुलना हो जाता था, लेकिन जब 2014 में दिल्ली आया तो मैंने पाया कि यहां का जीवन बहुत अलग है। दायित्व अलग, सुरक्षा का तामझाम, समय की सीमा, शुरुआती दिनों में कुछ अलग महसूस होता था।
7)    50 साल पहले मैंने अपना घर इसलिए नहीं छोड़ा था कि एक दिन अपने ही देश के लोगों से संपर्क ही मुश्किल हो जाएगा। जो देशवासी मेरा सब कुछ है, मैं उनसे ही कट करके जी नहीं सकता था। 'मन की बात' ने मुझे इस चुनौती का समाधान दिया, सामान्य मानवी से जुड़ने का रास्ता दिया।
8)    मन की बात का हर एपिसोड खास रहा है। हर बार नए उदाहरण की नवीनता दिखाई दी। 'मन की बात' कार्यक्रम में देश के कोने-कोने से लोग जुड़े, हर आयु वर्ग के लोग जुड़े।

प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी ने तीन अक्टूबर 2014 को ‘मन की बात’ कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इसके माध्यम से वह हर महीने के आखिरी रविवार को विभिन्न मुद्दों पर लोगों के साथ अपने विचार साझा करते हैं।

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‘मन की बात’ के लिए श्रोताओं से राष्ट्रीय महत्व से जुड़े मुद्दों पर सुझाव और विचार भी आमंत्रित किए जाते हैं। कार्यक्रम की 100वीं कड़ी से पहले प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम उनके लिए ‘एक विशेष यात्रा’ रहा है।










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