नई दिल्ली: यूं तो जब से पहलगाम हमला हुआ है, तभी से पाक सेना चीफ आसिम मुनीर को ना के बराबर ही देखा गया है। लेकिन शनिवार और रविवार को आसिम मुनीर ने स्पेशल कोर कमांडरों की बैठक की और LOC का गुपचुप दौरा किया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, आसिम मुनीर खुफिया तौर पर ही आवाजाही कर रहा है और उसके किसी मूवमेंट की कोई जानकारी नहीं होती है।
कौन है आसिम मुनीर?
कश्मीर और हिंदुओं के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के लिए पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर काफी मशहूर है। भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात बनने के लिए अगर किसी एक इंसान को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है तो वह असीम मुनीर ही है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख के बयान के बाद जम्मू कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया। इसके बाद ही दोनों देशों के बीच संबंध अब तक के सबसे खराब मोड़ पर पहुंचा हैं।
सुरक्षा के नाम पर उगाही पाकिस्तानी सेना वेलफेयर फाउंडेशन और राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर उगाही का कारोबार चलाती है। अहम बात यह है कि इन सभी बिजनेस की देखरेख असीम मुनीर ही करता है। सेना के बिजनेस की वैल्यू 40 से 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। इस पूरे बिजनेस पर मुनीर का ही कब्जा है। यही वजह है कि असीम मुनीर बहादुरी और वतनपरस्ती के राग अलापता रहता है, ताकि इस संपत्ति पर उसका हक बना रहे।
मुनीर की कठपुतली
मुनीर की कठपुतली हैं शहबाज शरीफ अमेरिकी संसद में पेश ‘पाकिस्तान लोकतंत्र अधिनियम’ ने मुनीर पर वीजा प्रतिबंध और संपत्ति जब्ती की तलवार लटका दी है। ‘मुनीर नवंबर 2025 से पहले पाकिस्तान पर पूरा नियंत्रण चाहते हैं, ताकि इस बिल के प्रभाव से बच सकें।’ वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ‘मुनीर की कठपुतली’ की तरफ काम करते है।
मुनीर ने CRPF के काफिले पर कराया बड़ा हमला पुलवामा हमले के दौरान मुनीर, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का चीफ था और आतंकी संगठनों के जरिए 2019 में जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर बड़ा हमला कराया था। भारत के दबाव में हालांकि, तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने मुनीर को आईएसआई प्रमुख के पद से हटा दिया था। ऐसे में सेना प्रमुख बनने के बाद मुनीर ने एक बार फिर भारत-विरोधी साजिश शुरु कर दी है। इसके लिए पिछले दो दशक से शांत पड़े पीर पंजाल के दक्षिणी इलाके पुंछ-राजौरी सेक्टर में आतंक को जिंदा किया गया।
परवेज मुशर्रफ की राह पर है मुनीर मुशर्रफ
परवेज मुशर्रफ की तरह ही मुनीर भी सियाचिन में तैनात रह चुका है। सियाचिन से लेकर कारगिल की हार देख चुका है। ऐसे में जिया उल हक की तरह मुनीर ने भारत से सीधे युद्ध की बजाए आतंकवाद को ही अपना बड़ा हथियार बनाया और पहलगाम हमले की साजिश रची।
ऐसा माना जा रहा है कि पहलगाम हमले को लेकर साजिश मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने साझा की थी। यही वजह है कि पहलगाम हमले के दौरान शहबाज शरीफ, पाकिस्तान के सबसे करीबी इस्लामी देश तुर्किए के दौरे पर थे। भारत से तनातनी के बीच तुर्किए ही ने सबसे पहले अपना जंगी जहाज पाकिस्तान के कराची बंदरगाह भेजा है।

