New Delhi: देश के किसानों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मंगलवार को यह निर्णय लिया गया कि रबी सीजन 2025-26 के लिए फॉस्फेटिक और पोटाश (P&K) उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (Nutrient Based Subsidy – NBS) दरों को मंजूरी दी जाएगी।
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की घोषणा
बैठक के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कैबिनेट ने उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी रबी सीजन 2025-26 के लिए दी गई है, जो 1 अक्टूबर 2025 से 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगी। उन्होंने कहा कि “सरकार का उद्देश्य किसानों को किफायती दरों पर उर्वरक उपलब्ध कराना है, ताकि उन्हें वैश्विक बाजार में बढ़ती कीमतों का बोझ न झेलना पड़े।”
37,952.29 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान
सरकार ने इस सब्सिडी योजना के लिए करीब 37,952.29 करोड़ रुपये का अस्थायी बजटीय प्रावधान किया है। यह राशि पिछले खरीफ सीजन के मुकाबले 736 करोड़ रुपये अधिक है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार किसानों के हित में और अधिक वित्तीय सहायता प्रदान करने को तैयार है। इस बजटीय सहायता का उपयोग उर्वरक निर्माताओं को सब्सिडी देने में किया जाएगा, ताकि किसान रियायती दरों पर DAP, MOP, NPK और SSP जैसे प्रमुख उर्वरक खरीद सकें।
क्या है पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (NBS) योजना?
Nutrient Based Subsidy (NBS) योजना केंद्र सरकार की एक प्रमुख कृषि नीति है, जिसके तहत किसानों को उर्वरकों पर दी जाने वाली सब्सिडी की दर पोषक तत्वों की मात्रा के आधार पर तय की जाती है।
इसमें प्रमुख चार पोषक तत्व शामिल होते हैं
1. नाइट्रोजन (N)
2. फॉस्फोरस (P)
3. पोटाश (K)
4. सल्फर (S)
अंतरराष्ट्रीय कीमतों को ध्यान में रखकर लिया गया फैसला
मंत्री वैष्णव ने कहा कि यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय बाजार में फॉस्फेटिक और पोटाश उर्वरकों की कीमतों में हालिया उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखकर लिया गया है। वैश्विक स्तर पर कच्चे माल की बढ़ती कीमतों और सप्लाई चेन में आई बाधाओं के कारण भारत में उर्वरकों की कीमतें प्रभावित हो रही थीं। सरकार ने इस स्थिति का विश्लेषण कर सब्सिडी दरों को तर्कसंगत (rationalized) बनाया है, ताकि किसान किसी भी परिस्थिति में उर्वरकों की कमी या महंगाई से परेशान न हों।
किसानों के लिए राहत
इस मंजूरी के बाद किसानों को रबी सीजन में DAP और NPK उर्वरक सस्ते मिलेंगे। उर्वरक कंपनियों को केंद्र सरकार से सब्सिडी मिलने के बाद, वे किसानों को इन उत्पादों को कम दामों पर उपलब्ध कराएंगी। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम रबी फसलों जैसे गेहूं, जौ, सरसों और चना की बुवाई के समय बेहद उपयोगी साबित होगा। सस्ते उर्वरक मिलने से किसानों की उत्पादन लागत घटेगी और उनकी आय में सुधार होगा।

