Lucknow: उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में मानसून ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। लखनऊ, कानपुर, मेरठ, बरेली, गाजियाबाद, मथुरा, प्रयागराज और वाराणसी समेत कई जिलों में बारिश से मौसम ठंडा हो गया है। भीषण गर्मी और उमस से जूझ रही जनता को इस बदले मौसम से काफी राहत मिली है। मौसम विभाग ने प्रदेश के पश्चिमी और मध्यवर्ती जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट, जबकि लखनऊ समेत कुछ क्षेत्रों में येलो अलर्ट जारी किया है।
बारिश का क्षेत्रीय प्रभाव
मौसम वैज्ञानिक के अनुसार, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकतर जिलों जैसे बिजनौर, सहारनपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। वहीं, पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, जौनपुर, बहराइच और गोंडा जैसे जिलों में गरज-चमक के साथ तेज बौछारें पड़ सकती हैं।
विशेष रूप से बिजनौर जिले में इस मानसून के दौरान अब तक 1097.4 मिमी वर्षा दर्ज की जा चुकी है, जो सामान्य से 48% अधिक है। लखनऊ में अगस्त में 307.8 मिमी बारिश हुई, जो मासिक औसत (202 मिमी) से 52% अधिक रही। अब तक राजधानी में 542.7 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है, जो सामान्य (519.3 मिमी) से 5% अधिक है।
सितंबर माह का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, सितंबर में भी बारिश का यह सिलसिला जारी रह सकता है। पश्चिमी विक्षोभ और मानसून द्रोणी की सक्रियता के चलते 2 सितंबर तक अधिकांश जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। इसके साथ ही तापमान में भी गिरावट देखने को मिलेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार मानसून के उत्तरार्ध में निनो और हिंद महासागरीय द्विध्रुव की परिस्थितियां नकारात्मक फेज में जा सकती हैं, जिसका प्रभाव पश्चिमी यूपी में अधिक दिखाई देगा। यहां अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहेगा, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य या उससे थोड़ा अधिक हो सकता है।
जनसुरक्षा के लिए अलर्ट
इसके अलावा, मौसम विभाग ने बारिश से संबंधित यात्रियों और आम नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। जलभराव, बिजली गिरने और पेड़ों के गिरने जैसी घटनाएं होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। प्रशासन ने भी जिलों को आवश्यक तैयारियां रखने के निर्देश दिए हैं।

