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नवाबों का शहर बनेगा अब IT हब, आईटी सिटी के निर्माण से बढ़ेगी रोजगार की संभावनाएं

लखनऊ अब आईटी हब बनने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। पिछले छह महीनों में चार बड़ी आईटी कंपनियों ने यहां अपने संचालन की शुरुआत की है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने आईटी सिटी के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
Post Published By: Asmita Patel
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नवाबों का शहर बनेगा अब IT हब, आईटी सिटी के निर्माण से बढ़ेगी रोजगार की संभावनाएं

Lucknow: लखनऊ, जिसे नवाबों के शहर के रूप में जाना जाता है, अब उत्तर भारत में एक प्रमुख आईटी केंद्र के रूप में उभरने की ओर अग्रसर है। पिछले कुछ वर्षों में शहर में आईटी उद्योग के लिए एक आदर्श वातावरण विकसित करने की दिशा में कई पहल की गई हैं। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) अब इस दिशा में और अधिक सक्रिय कदम उठा रहा है और सुल्तानपुर रोड पर एक बड़े आईटी सिटी के निर्माण की योजना बना रहा है।

एक समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र

यह आईटी सिटी लखनऊ स्मार्ट सिटी और यूपीएसआईडीए (उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण) के ढांचे में विकसित किया जाएगा। इसमें न केवल आईटी और आईटीईएस कंपनियों के लिए आधुनिक कार्यालय भवन होंगे, बल्कि इसमें शैक्षणिक संस्थान, हाउसिंग कॉम्प्लेक्स और व्यावसायिक भवन भी बनाए जाएंगे। एलडीए का उद्देश्य इस परियोजना के माध्यम से बड़े निवेश आकर्षित करना और रोजगार सृजन करना है।

लखनऊ में बनेगा अब IT हब

किसानों को मिलेगा फायदा

एलडीए ने इस परियोजना के तहत उन किसानों के लिए एक आकर्षक योजना बनाई है, जो अपनी भूमि इस आईटी सिटी को सौंपने के लिए तैयार हैं। किसानों को अब यह भूमि सौंपने का सीधा लाभ मिलेगा। इसके लिए एलडीए ने विशेष रूप से एक लैंड पूलिंग नीति लागू की है, जिसके तहत भूमि देने वाले किसानों को मुफ्त में विकसित प्लॉट दिए जाएंगे। इसके लिए नवंबर के अंत तक पहली लॉटरी निकाली जाएगी, जिसमें किसानों को यह प्लॉट आवंटित किए जाएंगे।

आईटी सिटी में 10 सेक्टर बनाए जाएंगे

सुल्तानपुर रोड और किसान पथ से सीधे कनेक्ट होने वाली इस आईटी सिटी में कुल 10 सेक्टर विकसित किए जाएंगे। इसमें हाई-स्पीड ग्रिड सड़कों का निर्माण शुरू हो चुका है, और अब तक 117 भू-स्वामियों ने अपनी 550 बीघा से अधिक भूमि लैंड पूलिंग के माध्यम से दी है। लैंड पूलिंग के तहत किसानों को योजना के अंतर्गत एक बड़ा मौका मिलेगा, जिससे उन्हें जमीन की अधिकतम कीमत मिलेगी।

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जमीन जुटाने का कार्य तेज़

एलडीए उपाध्यक्ष, प्रथमेश कुमार के अनुसार, इस आईटी सिटी का कुल क्षेत्रफल 2,660 एकड़ होगा और इसे मोहनलालगंज तहसील के विभिन्न गांवों से अधिग्रहित किया जाएगा। इसके अंतर्गत बक्कास, सोनई कंजेहरा, सिकंदरपुर अमोलिया, सिद्धपुरा, परेहटा, पहाड़नगर टिकरिया जैसे गांवों से जमीन ली जा रही है। वर्तमान में इस योजना के तहत भूमि अधिग्रहण कार्य तेज़ी से चल रहा है।

प्रोजेक्ट के तहत 10,000 आवासीय भूखंड होंगे सृजित

आईटी सिटी परियोजना में लगभग 10,000 आवासीय भूखंड बनाए जाएंगे, जिनका क्षेत्रफल 72 वर्गमीटर से लेकर 200 वर्गमीटर तक होगा। इन भूखंडों के साथ ही बड़े ग्रुप हाउसिंग भूखंड भी आवंटित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, व्यवसायिक क्षेत्र के लिए लगभग 200 एकड़ जमीन और इंडस्ट्रियल एरिया के लिए 400 एकड़ जमीन आरक्षित की गई है।

कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर

आईटी सिटी के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका इसकी कनेक्टिविटी होगी। किसान पथ से कनेक्ट होने वाली यह परियोजना शहर की बेहतर सड़क नेटवर्क से जुड़ी होगी। इसके अलावा, लगभग 5 करोड़ रुपए की लागत से एक 2 किलोमीटर लंबी कनेक्टिंग रोड का निर्माण भी किया जाएगा, जो इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी को और भी बेहतर बनाएगी।

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ग्रीन बेल्ट और गोल्फ सिटी का निर्माण

परियोजना में लगभग 200 एकड़ क्षेत्रफल में ग्रीन बेल्ट का निर्माण होगा, जिसमें पर्यावरण के अनुकूल गतिविधियों के लिए जगह बनाई जाएगी। इसके अतिरिक्त, गोल्फ सिटी का निर्माण भी किया जाएगा, जो परियोजना को और भी आकर्षक बनाएगा। साथ ही, लगभग 15 एकड़ में वाटर बॉडी भी बनाई जाएगी, जो इस आईटी सिटी की सुंदरता और पर्यावरण को और बेहतर बनाएगी।

बेंगलुरु जैसी शहर की ओर

आईटी सिटी के विकास से यह साफ हो गया है कि लखनऊ एक दिन बेंगलुरु जैसी आईटी हब बन सकता है। एक सर्वेक्षण के अनुसार, बेंगलुरु में लगभग 35% तकनीकी कार्यबल उत्तर प्रदेश से हैं। लखनऊ में अब बड़ी आईटी कंपनियों के आने से यह शहर आईटी पेशेवरों के लिए एक आकर्षक केंद्र बन सकता है, विशेषकर पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और आसपास के क्षेत्रों के लिए।

नौकरियों का बढ़ता अवसर

आईटी सिटी की परियोजना से न केवल क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। लखनऊ में तकनीकी कंपनियों की मौजूदगी से स्थानीय युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। इसके साथ ही, लखनऊ का व्यापारिक माहौल भी बढ़ेगा, जिससे शहर में एक आर्थिक और तकनीकी क्रांति आएगी।

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