Gorakhpur: गोरखपुर के गोला थाना क्षेत्र के चकसरया गांव में बुधवार को एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया 30 वर्षीय बालेन्द्र पुत्र जोखई ने अपने घर से महज 50 मीटर दूर एक नीम के पेड़ पर गमछे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना संदिग्ध परिस्थितियों में हुई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची।
पीछे छोड़ गया 5 और 7 वर्षीय बच्चे
बालेन्द्र गोरखपुर औद्योगिक क्षेत्र में नौकरी करता था और अपने परिवार का मुख्य कमाऊ सदस्य था। उसकी शादी को काफी समय हो चुका है और उसके दो छोटे बच्चे 5 और 7 वर्ष के हैं। बालेन्द्र का एक बड़ा भाई भी कोविड के कारण पहले ही चल बसा है, जिसके बाद उसका परिवार और अधिक संकट में आ गया।
दो साल पहले हुआ था यह कांड
दो साल पहले भी इसी पेड़ पर उसके चाचा मुखुंजु ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। ग्रामीण इस पेड़ को लेकर तरह-तरह की बातें कर रहे हैं और इसे अशुभ मान रहे हैं। कुछ का मानना है कि इस पेड़ से जुड़ी कोई अज्ञात शक्ति है, जबकि अधिकतर लोग इसे महज संयोग मानते हैं।
पुलिस जांच में जुटी
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक आत्महत्या के स्पष्ट कारण का पता नहीं चल पाया है। परिजनों और ग्रामीणों से पूछताछ जारी है। ग्रामीणों का कहना है कि इस पेड़ के बारे में पहले भी कई बातें सुनी हैं, लेकिन कभी कोई कदम नहीं उठाया गया।
गांव में काली शक्ति की चर्चा
गांव के बुजुर्गों का कहना है कि इस पेड़ को लेकर पहले भी चर्चाएं होती रही हैं, लेकिन प्रशासन ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। उन्होंने मांग की है कि इस मामले की जांच कराई जाए और इस तरह के अंधविश्वास को दूर करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए।

