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इतिहास की बात करने आईं, लेकिन खुद भूल गईं आजादी कब मिली; BJP की इस मंत्री ने दिया ये कैसा बयान

रायबरेली में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से जिला पंचायत सभागर में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम से पहले मीडिया कर्मियों के समक्ष बयान देते हुए भाजपा की प्रदेश संगठन मंत्री अर्चना मिश्रा ने एक विवादास्पद बयान दिया। हालांकि इसे गलती समझा जा रहा है लेकिन भाजपा नेत्री जिस आत्म विश्वास से अपनी बात कह रहीं थी अति आत्म विश्वास में बदल गया और उनकी जुबान फिसल गई।
Post Published By: Poonam Rajput
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इतिहास की बात करने आईं, लेकिन खुद भूल गईं आजादी कब मिली; BJP की इस मंत्री ने दिया ये कैसा बयान

Raebareli: रायबरेली में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से जिला पंचायत सभागर में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम से पहले मीडिया कर्मियों के समक्ष बयान देते हुए भाजपा की प्रदेश संगठन मंत्री अर्चना मिश्रा ने एक विवादास्पद बयान दिया। हालांकि इसे गलती समझा जा रहा है लेकिन भाजपा नेत्री जिस आत्म विश्वास से अपनी बात कह रहीं थी अति आत्म विश्वास में बदल गया और उनकी जुबान फिसल गई।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जिला पंचायत सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि देश 2047 में आजाद हुआ।

कार्यक्रम में जिला प्रशासन और भाजपा कार्यकर्ताओं ने विभाजन के समय हुई त्रासदी को याद करते हुए 2 मिनट का मौन रखा। भाजपा जिला अध्यक्ष बुद्धिलाल पासी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में विभाजन काल की स्मृतियों को संजोने वाली एक प्रदर्शनी भी लगाई गई।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विभाजन के समय प्रभावित हुए परिवारों से मिलना और उनके अनुभवों को साझा करना था। प्रदर्शनी के माध्यम से युवा पीढ़ी को विभाजन के समय हुए अत्याचारों और कष्टों से अवगत कराया गया।

भाजपा की प्रदेश संगठन मंत्री के इस विवादित बयान ने सभी का ध्यान खींचा। उन्होंने अपने बयान में यह कहा कि देश 2047 में आजाद हुआ, जो कि एक गंभीर चूक थी क्योंकि भारत 1947 में ही स्वतंत्र हो चुका है।

भाजपा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विचार गोष्ठी व भारत-पाकिस्तान के बंटवारे में मारे गए हजारों लोगों की स्मृति में मौन धारण भी किया। आपको बता दें कि इससे भाजपा नेत्री ने कहा कि पार्टी की तरफ आजादी के बाद हमारे देश का जो विभाजन हुआ उसमें हजारों लाखों लोग जो विस्थापित हुए उसे कभी भुला नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि इसे कभी इतिहास में दर्ज नहीं किया गया। 2021 में इस दिन को स्मृति दिन मनाने के लिए 14 अगस्त आजादी से एक दिन पूर्व के दिन को हमारर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुना।

विभाजन की विभीषिका कार्यक्रम के तहत हम सभी पार्टी के लोग इस दिवस को मानते हैं उन्हें याद करते हैं। और आज भी सभी जनपदों में इस दर्द को जिन्होंने झेला है उन लोगों को उनकी स्मृतियों को साझा करते हैं। और आने वाली युवा पीढ़ी इस बात को ध्यान में रखें कि हमारे देश के विभाजन के समय क्या स्थिति थी और किसकी भूमिका थी।  हमारे देश की आज़ादी के बाद भी हमारे लोग जब आजादी का जश्न मना रहे थे तो हमारे लोग विस्थापित भी हो रहे थे इस दिन को याद दिलाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।

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