Site icon Hindi Dynamite News

इस गंभीर बामीर से जूझ रहे लोगों को मिलेगी मुफ्त दवा, लाखों मरीजों को मिलेगी राहत

जिले में फाइलेरिया जैसी लाइलाज और गंभीर बीमारी की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग 10 अगस्त से 2 सितंबर तक सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान चलाने जा रहा है। इस अभियान का लक्ष्य जिले के आठ ब्लॉकों में 15.51 लाख पात्र लोगों को फाइलेरियारोधी दवाएं (आईवरमेक्टिन, डीईसी, एल्बेंडाजोल) खिलाना है।
Post Published By: Poonam Rajput
Published:
इस गंभीर बामीर से जूझ रहे लोगों को मिलेगी मुफ्त दवा, लाखों मरीजों को मिलेगी राहत

Raebareli: जिले में फाइलेरिया जैसी लाइलाज और गंभीर बीमारी की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग 10 अगस्त से 2 सितंबर तक सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान चलाने जा रहा है। इस अभियान का लक्ष्य जिले के आठ ब्लॉकों में 15.51 लाख पात्र लोगों को फाइलेरियारोधी दवाएं (आईवरमेक्टिन, डीईसी, एल्बेंडाजोल) खिलाना है। साथ ही, 11 अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (एनडीडी) के अंतर्गत 11 ब्लॉकों और शहरी क्षेत्रों में एक से 19 वर्ष की उम्र के 8.27 लाख बच्चों को पेट के कीड़ों की दवा एल्बेंडाजोल दी जाएगी।

इस अभियान को सफल बनाने और जन-जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एएनएम ट्रेनिंग सेंटर में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित की गई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नवीन चंद्रा ने बताया कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से फैलने वाला एक धीमा लेकिन बेहद खतरनाक रोग है। इसके लक्षण कई वर्षों तक दिखाई नहीं देते और बाद में हाथ-पैरों में सूजन, अंडकोष या स्तन में विकृति जैसे रूप में सामने आते हैं। उन्होंने कहा कि दवा का सेवन लक्षण न होने की स्थिति में भी जरूरी है।

अभियान की प्रमुख जानकारी:

राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. श्रीकृष्णा ने कहा कि दवा के सेवन के बाद हल्का चक्कर आना या मिचलाना सामान्य प्रतिक्रिया है और इससे डरने की जरूरत नहीं है। जिला मलेरिया अधिकारी रमेश यादव ने कहा कि फाइलेरिया के लक्षण सामने आने पर इलाज मुश्किल हो जाता है, इसलिए अभी दवा खाकर सुरक्षित हो जाना जरूरी है।

कार्यशाला में पेशेंट स्टेकहोल्डर प्लेटफॉर्म के सदस्य अंबिका प्रसाद ने अपनी बीमारी की पीड़ा साझा करते हुए जनता से अपील की कि वे दवा जरूर लें। उन्होंने बताया कि उन्होंने कभी दवा नहीं खाई और आज तक बीमारी से जूझ रहे हैं।

इस कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, पत्रकार, सीफार, पाथ और पीसीआई के प्रतिनिधि, पीएसपी सदस्य और स्थानीय हितधारक जैसे कोटेदार, प्रधान व आशा कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। सभी ने मिलकर इस अभियान को सफल बनाने का संकल्प लिया।

Exit mobile version